26 नवंबर 2025। भारत और कनाडा के बीच संबंधों में जमी बर्फ अब पिघलती दिख रही है। दोनों देशों ने करीब 2.8 बिलियन डॉलर की यूरेनियम सप्लाई डील को लगभग अंतिम रूप दे दिया है। कनाडाई अखबार ग्लोब एंड मेल के मुताबिक यह समझौता न सिर्फ ऊर्जा सहयोग बढ़ाएगा, बल्कि दोनों देशों के बीच पिछले दो वर्षों से चल रहे तनाव को कम करने का एक बड़ा संकेत भी है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस डील के तहत कनाडा की Cameco Corp भारत को लंबी अवधि तक यूरेनियम सप्लाई करेगी। यह व्यवस्था दस साल तक चल सकती है और आगे बड़े परमाणु सहयोग का रास्ता खोल सकती है।
दोनों देशों के रिश्तों में सुधार का माहौल रविवार को और साफ दिखा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहान्सबर्ग में G20 समिट के दौरान कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापक आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने और दो साल से रुकी ट्रेड बातचीत को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई।
मीटिंग के बाद मोदी ने X पर लिखा कि पिछली मुलाकात के बाद से रिश्तों में आई तेजी सराहनीय है और आने वाले महीनों में दोनों देश ट्रेड, निवेश, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, ऊर्जा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी पुष्टि की कि दोनों पक्षों ने अपने पुराने सिविल न्यूक्लियर सहयोग को मजबूत करने की इच्छा जताई है और लंबी अवधि के यूरेनियम सप्लाई अरेंजमेंट पर चल रही बातचीत को आगे बढ़ाने पर ध्यान दिया है।
यह सकारात्मक बदलाव ऐसे समय में आ रहा है जब 2023 के दिल्ली G20 समिट के बाद भारत-कनाडा रिश्ते लगातार बिगड़ते चले गए थे. मोदी ने उस दौरान कनाडा में सक्रिय कट्टरपंथी समूहों की भारत विरोधी गतिविधियों पर चिंता जताई थी। स्थिति अक्टूबर 2024 में और खराब हो गई, जब ओटावा ने भारतीय राजनयिकों पर कनाडा में सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया और दोनों देशों ने एक-दूसरे के डिप्लोमैट्स को निकाल दिया।
लेकिन इस साल जून में G7 समिट के दौरान कार्नी और मोदी की मुलाकात के बाद रिश्तों को पटरी पर लाने की प्रक्रिया तेज हुई। अब दोनों देशों ने अपने मिशनों में स्टाफ बढ़ाने पर भी सहमति बना ली है।
कुल मिलाकर, यूरेनियम डील दोनों देशों के रिश्तों में नई गर्मी लाने वाला कदम साबित हो सकती है।
Photo: Canadian Prime Minister Mark Carney and Indian Prime Minister Narendra Modi during the G20 Summit in Johannesburg, South Africa, on November 23, 2025. © Global Look Press / Sean Kilpatrick














