15 नवंबर 2025। मूडीज़ ने अपनी ताज़ा ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 7 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ेगी। एजेंसी का मानना है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के बावजूद भारत की विकास संभावनाएं मजबूत बनी रहेंगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ उत्पादों पर 50 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क के बावजूद भारतीय कंपनियां अपने निर्यात को दूसरे बाज़ारों की ओर मोड़ने में सफल रही हैं। इसी वजह से सितंबर में कुल निर्यात 6.75 प्रतिशत बढ़ा, जबकि अमेरिका को भेजा जाने वाला निर्यात 11.9 प्रतिशत घटा।
अमेरिका ने अगस्त में भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया था, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता नहीं हो पाया था। इसके बाद रूस से तेल आयात जारी रखने पर भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाया गया।
मूडीज़ का कहना है कि घरेलू मांग, खास तौर पर उपभोग और बुनियादी ढांचे में बढ़ता निवेश, आने वाले समय में विकास को मजबूत आधार देंगे। हालांकि, निजी क्षेत्र के पूंजीगत निवेश के सतर्क रहने की संभावना जताई गई है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 में 6.8 प्रतिशत विकास का अनुमान लगाया है, जबकि वित्त मंत्रालय 6.3 से 6.8 प्रतिशत की रेंज का अनुमान दे चुका है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-मार्च तिमाही में विकास दर 7.4 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई।
एजेंसी ने आगे कहा कि 2026 में भारत की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत और 2027 में 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
सितंबर में त्योहारों से पहले मांग बढ़ाने के लिए सरकार ने कुछ वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती की थी। मूडीज़ का कहना है कि नरम मौद्रिक नीति और तेज़ी से कम होती महंगाई ने भी विकास को सहारा दिया है।
आरबीआई ने 2025 में तीन बार ब्याज दरों में कटौती की है, जिसमें जून में 50 बेसिस प्वाइंट की बड़ी कटौती शामिल है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 0.25 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई, जबकि सितंबर के आंकड़े संशोधित होकर 1.44 प्रतिशत रहे।














