×

46 साल पुराना विद्युत कानून समाप्त हुआ....

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 676

Bhopal: जबलपुर, सागर एवं देवास की तीन कंपनियों का अर्जन हुआ था इस कानून से
1 मार्च 2020। राज्य सरकार ने 46 साल पुराने मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय उपक्रम अर्जन अधिनियम 1974 को खत्म कर दिया है। इस कानून के तहत जबलपुर, सागर एवं देवास में विद्युत प्रदाय करने वाली तीन निजी कंपनियों का अधिग्रहण हुआ
था तथा वर्तमान में यही अनुपयोगी हो गया था।
ऐसे हुआ यह कानून समाप्त :
बरसों पुराने इस कानून को खत्म करने के लिये राज्य विधानसभा में मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय उपक्रम अर्जन विधेयक 2019 निर्विरोध पारित किया गया। इसके बाद मंजूरी के लिये इसे राज्यपाल लालजी टण्डन के पास भेजा गया। राज्यपाल ने डेढ़ माह तक विचार करने के बाद इसे स्वीकृति प्रदान कर दी। उनकी स्वीकृति मिलने के साथ ही यह पुराना कानून खत्म हो गया। निरसन कानून के उद्देश्य में कहा गया है कि वर्ष 1974 में बना कानून उस समय राज्य में कार्यरत तीन निजी विद्युत प्रदाय उपक्रमों के अर्जन हेतु उपबंध के साथ अधिनियम किया गया था। जबलपुर, सागर एवं देवास में समस्त तीनों विद्युत प्रदाय उपक्रमों का अर्जन राज्य सरकार द्वारा उक्त अधिनियम के तहत पूर्ण किया गया था। अब इस अधिनियम की उपयोगिता समाप्त हो गई है और इसने अपना महत्व खो दिया है। इसलिये इसे निरसित किया गया है।
पहले ये तीन निजी कंपनियां कार्यरत थीं :
प्रदेश के जबलपुर में जबलपुर इलेक्ट्रिक सप्लाय कंपनी जिसका प्रबंधन जबलपुर इलेक्ट्रिक सप्लाय कंपनी लिमिटेड, सागर में सागर इलेक्ट्रिक सप्लाय कंपनी जिसका प्रबंधन सागर इलेक्ट्रिक सप्लाय कंपनी लिमिटेड तथा देवास में देवास इलेक्ट्रिक सप्लाय कंपनी जिसका प्रबंधन देवास सीनियर इलेक्ट्रिक सप्लाय कंपनी लिमिटेड देखती थीं। उस समय ये तीनों निजी कंपनियां ही इन तीनों नगरों में अपने संसाधनों से विद्युत उत्पादन करती थीं और लोगों को बिजली के कनेक्शन देकर बिलों की वसूली करती थीं। उसी दौरान विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण का काम राज्य सरकार ने अपने हाथों में ले लिया। इस कारण से इन तीनों निजी कंपनियों का अधिग्रहण आवश्यक हो गया था। इसी कारण से वर्ष 1974 में अर्जन हेतु कानून लाया गया तथा इस कानून के तहत तीनों निजी कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया गया। इसके बदले इन कंपनियों को भुगतान भी किया गया तथा इनकी देयतायें सरकार ने अपने ऊपर ले लीं थीं।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय उपक्रम अर्जन अधिनियम 1974 की अब जरुरत नहीं रह गई थी क्योंकि इसे लाने का उद्देश्य पूरा कर लिया गया था। इसीलिये अब इनका निरसन कानून लाकर इसे समाप्त कर दिया गया है। इसके नियम भी समाप्त कर दिये गये हैं।



- डॉ. नवीन जोशी

Related News

Latest News

Global News