30 मार्च 2021। शुद्ध के लिए युद्ध और मिलावटखोरों के विरुद्ध चलेअभियानों के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार मिलावटखोरों के दर्ज प्रकरणों में जल्दी निपटारा चाहती है । उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में 9 नवंबर 2020 से दर्ज किए गए प्रकरणों पर कार्यवाही करने के निर्देश भेजे गए हैं ,जबकि पूर्ववर्ती सरकार कमलनाथ द्वारा शुद्ध के लिए युद्ध का रिकार्ड कहीं उपलब्ध नहीं है इस कारण केवल शिवराज सरकार के अभियान पर ही कार्यवाही हो पाएगी।
प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर 9 नवम्बर 2020 से प्रारंभ किये गये मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत खाद्य विभाग ने अब तक 76 एफआईआर पुलिस थानों में दर्ज कराई है। अब इन एफआईआर पर कोर्ट में जल्द चालान पेश हो और इनका निपटारा किया जाये, इसके लिये जिला लोक अभियोजकों को निर्देश जारी हुये हैं।
राज्य के खाद्य आयुक्त डा. संजय गोयल ने संचालक लोक अभियोजन से इस बारे में आग्रह किया जिस पर संचालक अभियोजन ने ये ताजा निर्देश जारी किये हैं। डा. गोयल का कहना है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले नित प्रतिदिन प्रकाश में आ रहे हैं। शासन ने न्यायालयों में दर्ज मिलावट के प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही का निर्णय लिया है।
जबलपुर व उज्जैन में दर्ज हैं सबसे ज्यादा केस :
अब तक दर्ज कुल 76 प्रकरण 21 जिलों में दर्ज हुये हैं। मिलावट के सबसे ज्यादा प्रकरण जबलपुर एवं उज्जैन में दर्ज हैं जिनकी संख्या 11-11 है। सतना में 4, रीवा व कटनी में 3-3, दमोह में 2, छिन्दवाड़ा, सिंगरौली, मण्डला तथा सिवनी में 1-1 प्रकरण दर्ज हुये हैं। ये प्रकरण नकली दूध, पनीर, घी, मसालों, चना पर अखाद्य कलर, मिथ्या छाप पेड़ा, अमानक चीज, मिथ्या नमकीन निर्माण, आयुर्वेदिक दवाओं पर भ्रामक जानकारी देने आदि के हैं।
डॉ. नवीन जोशी
मिलावटखोरों पर दर्ज प्रकरणों का अब कोर्ट में तेजी से निपटारा किया जायेगा
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 1114
Related News
Latest News
- ट्रंप का नया कदम: "अमेरिका बाय डिज़ाइन" पहल के तहत सरकारी वेबसाइटों को मिलेगा नया लुक
- अंजलि अरोड़ा का पटाया क्लब डांस वीडियो वायरल, करियर बदलने की अटकलों ने पकड़ी रफ़्तार
- चीन ने बनाया "गर्भावस्था रोबोट", मानव प्रजनन का नया युग या नैतिक संकट?
- भोपाल का अनोखा ‘कचरा कैफ़े’: जहाँ कचरा लाओ, नाश्ता पाओ: पर्यावरण बचाने का अनोखा तरीका
- शिक्षकों को 'हमारे शिक्षक' ऐप से डेटा लीक होने का डर, विदेशी कर्मियों वाली अमेरिकी कंपनी पर उठे सवाल
- जैसे अंधेरा से अंधेरा खत्म नहीं किया जा सकता वैसे ही नशे से परेशानियों के हल नहीं पाए जा सकते - एम के सिंह, डीआईजी, सीआरपीएफ