10 जुलाई 2021। राज्य शासन ने घोटाला करने वाले जल संसाधन विभाग के सात अधिकारियों को मात्र वेतन वृध्दि रोक कर दण्डित किया है और उनका प्रकरण समाप्त कर दिया है।
जल संसाधन संभाग पन्ना में वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में सिलि तालाब, सकरिया तालाब, भिलसाय तालाब, बरेहपुर तालाब, इमलिया तालाब, बौरी तालाब एवं चकरभाटा तालाब योजना के गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य पाये गये थे और ठेकेदारों को अनियमित भुगतान किया गया था। इस पर 11 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच संस्थित की गई थी। जांच में दोषी पाये जाने पर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी सरोज कुमार ठाकुर, तत्कालीन उपयंत्री सीबी दुबे, बीडी प्रजापति, एनपी तिवारी एवं विकास पालीवाल की तीन वेतन वृध्दि असंचयी प्रभाव से रोक कर दण्डित किया गया। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री अखिल वाष्र्णेय, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी आरएम गौतम एवं तत्कालीन उपयंत्री मानसिंह चौहान को पूर्व में ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी जबकि तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी आरडी त्यागी एवं संलग्न अधिकारी रघुराज सिंह ठाकुर व उपयंत्री एलडी सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं जिनके संबंध में शास्ति वसूलने के लिये मंत्रिपरिषद से अनुमोदन लेकर पृथक से आदेश जारी किया जायेगा।
इसी प्रकार, जल संसाधन संभाग डिण्डौरी में दनदना एवं कुकर्रा जलाशय के निर्माण कार्यों में अनियमितता पाये जाने पर सहायक यंत्री यूएस चौधरी एवं डीपी तिवारी 1 जुलाई 2017 को निलम्बित किये गये थे। विभागीय जांच में दोनों दोषी पाये गये। इस पर अब इनमें से जेएल बघेल को एक वेतन वृध्दि रोकने से दण्डित किया गया एवं आगामी 1 जुलाई 2021 को रिटायर हो रहे यूएस चौधरी से एक वेतन वृध्दि के समतुल्य राशि उनके वेतन से वसूलने के आदेश दिये गये हैं।
- डॉ. नवीन जोशी
घोटाला करने वाले जल संसाधन विभाग के सात अधिकारियों को मात्र वेतनवृध्दि रोक दण्डित किया
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 1552
Related News
Latest News
- क्या भारत के संभावित जवाबी हमले से पाकिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) छोड़ देगा?
- यूपी कैबिनेट के फैसले: नई स्थानांतरण नीति और पार्किंग के नए नियमों सहित 11 महत्वपूर्ण निर्णय
- पुराने यूरोप की मौत: ब्रुसेल्स की आत्म-विस्मृत आत्माएँ और यूरोपीय पतन की कहानी
- मंत्रिपरिषद के अहम फैसले: नक्सल प्रभावित जिलों में 850 पद स्वीकृत, पचमढ़ी की नजूल भूमि अभयारण्य से अलग
- “हमें खुद नहीं पता था, हम क्या पढ़ा रहे थे” - CM मोहन यादव का कटाक्ष, डॉ. इंद्रेश कुमार बोले - “अखंड भारत का सपना देखिए, संस्कारमूलक शिक्षा की है जरूरत”
- भारत में दशकों बाद पहली बार नागरिक सुरक्षा अभ्यास का आदेश, कई राज्यों में मॉक ड्रिल
Latest Posts
