डॉ. नवीन जोशी
भोपाल 15 अप्रैल 2022 । पिछली कमलनाथ सरकार ने 12 फरवरी 2020 को प्रदेश के धार जिले में स्थित प्राचीन किला सराय तालाब को मप्र प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1964 के तहत राज्य संरक्षित स्थल घोषित किया था और इन दो सालों में राज्य के पुरातत्व विभाग ने उक्त किले के संरक्षण के लिये करीब चार करोड़ रुपये व्यय भी कर दिये परन्तु अब वर्तमान शिवराज सरकार ने इस प्राचीन किले को राज्य संरक्षित स्मारक की सूची से बाहर कर दिया है तथा इसे डिनोटिफाई कर दिया है। उक्त किला मुगलकालीन है तथा इसमें मुगल साम्राज्य के सैनिकों के रहवास हेतु बनाया गया था।
इसी प्रकार, पिछली कमलनाथ सरकार ने 12 फरवरी 2020 को ही श्योपुर जिले में स्थित किला श्योपुर नरसिंह महल को भी राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया था। हालांकि दो सालों में पुरातत्व विभाग ने उस पर कोई व्यय नहीं किया है लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे भी डिनोटिफाई कर दिया है।
यह है असल कारण :
दरअसल उक्त दोनों प्राचीन स्मारकों को इसलिये डिनोटिफाई किया गया है क्योंकि पर्यटन विभाग इन्हें हेरीटेज पर्यटन स्थल बनाने के लिये निजी हाथों में सौंपना चाहता है। राज्य संरक्षित स्मारक घोषित होने के बाद यह कार्य नहीं हो सकता था क्योंकि प्राचीन स्मारक के सौ मीटर व्यास के अंदर निर्माण एवं खनन कार्य प्रतिबंधित हो जाता है तथा इस सौ मीटर के बाहर दो सौ मीटर व्यास में निर्माण एवं खनन कार्य रेगुलेटेड यानि नियमों के अनुसार अनुमति लेने पर हो सकता है।
चार करोड़ खर्च करने के बाद किया प्राचीन किले को डिनोटिफाई
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 3052
Related News
Latest News
- क्या भारत के संभावित जवाबी हमले से पाकिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) छोड़ देगा?
- यूपी कैबिनेट के फैसले: नई स्थानांतरण नीति और पार्किंग के नए नियमों सहित 11 महत्वपूर्ण निर्णय
- पुराने यूरोप की मौत: ब्रुसेल्स की आत्म-विस्मृत आत्माएँ और यूरोपीय पतन की कहानी
- मंत्रिपरिषद के अहम फैसले: नक्सल प्रभावित जिलों में 850 पद स्वीकृत, पचमढ़ी की नजूल भूमि अभयारण्य से अलग
- “हमें खुद नहीं पता था, हम क्या पढ़ा रहे थे” - CM मोहन यादव का कटाक्ष, डॉ. इंद्रेश कुमार बोले - “अखंड भारत का सपना देखिए, संस्कारमूलक शिक्षा की है जरूरत”
- भारत में दशकों बाद पहली बार नागरिक सुरक्षा अभ्यास का आदेश, कई राज्यों में मॉक ड्रिल
Latest Posts
