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बिना अपील किये रेड्डी कन्स्ट्रक्शन को 27 करोड़ का भुगतान करने पर अब उच्च स्तरीय जांच होगी

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1797

Bhopal:

डॉ. नवीन जोशी

भोपाल 16 जून 2022। हैदराबाद की मेसर्स जीएस रेड्डी एसोसियेट कन्स्ट्रक्शन को बिना अपील किये 26 करोड़ 87 लाख 92 हजार 930 रुपयों का भुगतान करने के मामले में अब जल संसाधन विभाग उच्च स्तरीय जांच करेगा। इसके लिये ईनएसी भोपाल कार्यालय के मुख्य अभियन्ता अन्तर्राज्जीय परियोजना, अधीक्षण यंत्री (वृहद) तथा तथा अधीक्षक (बजट) को जांच दल में नियुक्त किया गया है तथा एक सप्ताह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिये कहा गया है।
यह है मामला :
पन्ना जिले की पवई मध्यम सिंचाई परियोजना टर्न-की पद्धति पर आधारित के निर्माण कार्य हेतु 3 सितम्बर 2012 को राज्य शासन द्वारा स्वीकृत निविदा के परिप्रेक्ष्य में जल संसाधन विभाग द्वारा मेसर्स जीएस रेड्डी एसोसिएट कंस्ट्रशन के साथ 29 सितम्बर 2012 को अनुबंध किया गया था। परियोजना की कार्य प्रगति विभाग के द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम के अनुसार न होने के कारण कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग पन्ना द्वारा ठेकेदार की सुरक्षा निधि 23 मई 2013 को राजसात कर 28 मई 2013 को अनुबंध निरस्त किया गया। इस निरस्तीकरण के विरूद्ध द्वितीय आर्बिट्रेटर की नियुक्ति मुख्य अभियन्ता धसानकेन कछार जल संसाधन विभाग द्वारा 25 जुलाई 2014 को की गई। प्रकरण में द्वितीय आर्बिट्रेटर द्वारा दोनों पक्षों की सुनवाई के उपरान्त 18 मई 2015 को ठेकेदार के पक्ष में अवार्ड पारित किया गया। आर्बिटेशन एक्ट-1996 की धारा 34(3) के अनुसार आर्बिट्रेटर द्वारा पारित अवार्ड के विरूद्ध निर्धारित समयावधि में (3 माह+अतिरिक्त 30 दिवस) के भीतर सक्षम न्यायालय में अपील की जानी थी। किन्तु निधारित समयावधि में अपील न किये जाने के कारण सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली तक प्रत्येक न्यायालयीन स्तर पर शासन के पक्ष को अमान्य किया गया है। उक्त स्थिति में शासन के हित में अन्य कोई विकल्प शेष न होने के कारण शासन को मेसर्स जीएस रेड्डी एसोसिएट कंसट्रक्शन प्रालि हैदराबाद को राशि 26 करोड़ 87 लाख 92 हजार 930 रुपये के भुगतान की स्वीकृति प्रदान करनी पड़ी, जिससे शासन को वित्तीय क्षति हुयी। इसीलिये अब प्रमुख अभियंता मदन सिंह डावर ने आदेश जारी कर उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी किये हैं। आदेश में जांच दल से कहा गया है कि सम्पूर्ण जांच कर प्रकरण में दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विधिक प्रावधानों के अन्तर्गत यथोचित अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर भेजा जाये।

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