भोपाल 28 दिसंबर 2022। मप्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बालाघाट, मंडला एवं डिण्डौरी जिलों में पुलिस को 11 सडक़ों को बनाने के लिये अब तक फारेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिल पाई है। एसीएस होम की अध्यक्षता में मंत्रालय भोपाल में आयोजित लेफ्ट विंग एक्स्ट्रीमिस्ट (नक्सलवाद) संबंधी बैठक में पुलिस विभाग ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के आवागमन के लिये वन क्षेत्र में 19 सडक़ें बनाने के प्रस्ताव की जानकारी दी जिस पर वन विभाग ने बताया कि 4 सडक़ों के लिये वन भूमि के बदले वैकल्पिक राजस्व भूमि मिल गई है जिस पर उसने फारेस्ट एनओसी दे दी है तथा 4 और सडक़ों के लिये वैकल्पिक भूमि मिलने की ताजा जानकारी इसी बैठक में आई है जिस पर एनओसी जारी कर दी जायेगी। शेष 11 सडक़ों के लिये अभी तक वैकल्पिक भूमि नहीं दी गई है।
उल्लेखनीय है कि विगत 5 वर्ष की अवधि में मप्र ने अपने स्रोतों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 375 करोड़ रुपये व्यय कर 430 किलोमीटर सडक़ें एवं 14 पुल निर्मित किये हैं। इसके अतिरिक्त मप्र रूरल कनेक्टिविटी योजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में 72 करोड़ के व्यय से 1405 किलोमीटर की सडक़ें नक्सल प्रभावित जिलों में बनाई गई हैं।
- डॉ. नवीन जोशी
मप्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस को 11 सडक़ें बनाने के लिये अब तक नहीं मिली फारेस्ट क्लीयरेंस
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Bhopal 👤By: DD Views: 1001
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