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महाकाल मंदिर में रोजाना हो रहा था 20 लाख का घोटाला!

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Place: Bhopal                                                👤By: prativad                                                                Views: 1363

15 फरवरी 2023। महाकालेश्वर मंदिर में शिव दर्शन के जरिया मंदिर समिति द्वारा ₹250 की रसीद काटी जाती है. कई लोग फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं से मोटी रकम की वसूली का प्रोटोकाल के जरिए निशुल्क सुविधा का लाभ ले रहे थे.
जिस मंदिर में देशभर के श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने और गुनाहों की माफी मांगने के लिए जाते हैं, उस कालों के काल भगवान महाकाल के दरबार में 20,00,000 रुपए रोज का भ्रष्टाचार हो रहा था. इसका खुलासा एक अधिकारी की सतर्कता से हुआ, जिसके चलते तीन नियमों में बदलाव किया गया है.

महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल लोक निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में 10 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. मंदिर में प्रतिदिन डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. ऐसी स्थिति में एक रैकेट रोज श्रद्धालुओं से मोटी उगाही कर रहा था. इस बात का खुलासा महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोने की सतर्कता से हुआ. प्रशासक संदीप सोनी ने पाया कि महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है. मगर विशेष दर्शन, गर्भगृह दर्शन आदि सुविधाओं से होने वाली आय में बढ़ोतरी नहीं हुई है जिसके बाद मंदिर में निगाह रखना शुरू की गई.

महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर में रोज 2000000 रुपए का भ्रष्टाचार कुछ लोगों द्वारा एक सिंडिकेट बनाकर किया जा रहा था, जिसका पर्दाफाश होना आसान नहीं था. हालांकि नियमों में परिवर्तन कर अवैध वसूली पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. इससे श्रद्धालुओं को भी बेहद सुविधा मिली है.

इन नियमों बदलाव कर रुका भ्रष्टाचार
महाकालेश्वर मंदिर में शिव दर्शन के जरिया मंदिर समिति द्वारा ₹250 की रसीद काटी जाती है. पूर्व में प्रोटोकाल के जरिए यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध हो रही थी. कई लोग फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं से मोटी रकम की वसूली का प्रोटोकाल के जरिए निशुल्क सुविधा का लाभ ले रहे थे. श्रद्धालुओं से उगाई गई राशि गिरोह की जेब में जा रही थी. पूर्व में शीघ्र दर्शन व्यवस्था का लाभ हजारों की संख्या में लोगों द्वारा उठाए जा रहा था जबकि मंदिर समिति को शीघ्र दर्शन व्यवस्था से महज ₹2,00,000 भी प्राप्त नहीं हो रहे थे, यही राशि अब ₹8,00,000 के आसपास पहुंच गई है. अब महाकालेश्वर मंदिर में शीघ्र दर्शन सुविधा का लाभ उठाने वाले आम और खास को ₹250 की रसीद कटवाना पड़ रही है. इस नियम में बदलाव के बाद कम से कम 8,00,0000 रुपए रोज का भ्रष्टाचार रुका है.

गर्भगृह में प्रवेश के नाम पर वसूली
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के निर्णय अनुसार महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना करने पर प्रति व्यक्ति ₹750 की रसीद कटाना होती है. पूर्व में कई लोग बिना रसीद के गर्भगृह में प्रवेश कर रहे थे. इसके अलावा रसीदों का भी दुरुपयोग हो रहा था. महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी के मुताबिक कुछ रसीदें फर्जी होने की जानकारी भी पाई गई थी. गर्भगृह में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रवेश कर रहे थे, जबकि मंदिर समिति को ₹2,00,000 के आसपास ही आए हो रही थी. अब यह राशि 4 गुना बढ़ गई है, जबकि मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं की संख्या भी सीमित हो गई है. इस नियम में भी बदलाव करते हुए फर्जीवाड़े को काफी हद तक रोक दिया गया है. इस फर्जीवाड़े के जरिए मंदिर में कम से कम ₹10,00,000 रोज का भ्रष्टाचार हो रहा था.

पकड़े जाने पर अब सीधा होगी जेल
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी के मुताबिक इस गिरोह में मंदिर समिति के कुछ कर्मचारी के मिले होने की भी संभावना हो सकती है. इसके अलावा सुरक्षाकर्मी की मिलीभगत के बिना ऐसा भ्रष्टाचार नहीं हो सकता है. हालांकि इस पूरे मामले में पैनी निगाह रखी जा रही है जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया, उसे सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा. नए नियमों का पालन कराए जाने से मंदिर समिति की आय बढ़ी है जबकि मंदिर में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को विशेष सुविधा का लाभ मिल पा रहा है. आईएएस और आईपीएस अफसर तक अपने परिवार के सदस्यों की रसीद कटवा कर मंदिर में दर्शन व्यवस्था का लाभ उठा रहे हैं.

ऐसे काम करता था पूरा गिरोह
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था को कमाई का जरिया बनाने वाला गिरोह रोज लाखों रुपए छाप रहा था. गिरोह के सदस्यों की पकड़ होटल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और महाकालेश्वर मंदिर के बाहर घूमने वाले श्रद्धालुओं तक होती थी. श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन और अच्छी पूजा का लालच देकर उनसे पैसे ऐंठ लिए जाते थे. श्रद्धालुओं को बताया जाता था कि शीघ्र दर्शन के लिए उन्हें ₹250 देना होंगे जबकि गर्भगृह में प्रवेश के लिए ₹1500 की रसीद कटेगी. श्रद्धालु दलालों को राशि ऐंठ देते थे जबकि वह प्रोटोकॉल और अन्य फर्जीवाड़े के जरिए शीघ्र दर्शन हो और गर्भगृह में प्रवेश करवा देते थे. गर्भ गृह में ₹1500 की रसीद को फाड़ कर प्रवेश दिया जाता है. इस रसीद के टुकड़ों के जरिए कई लोगों को प्रवेश दिला दिया जाता था. इसके अलावा राजनीतिक दल, कथित मीडिया, अलग-अलग विभागों के कोटे के प्रोटोकॉल का भी दुरुपयोग कर आसानी से प्रवेश दिला दिया जाता था, जिसके बाद श्रद्धालुओं से राशि ऐंठ ली जाती थी.

महाकाल दर्शन के दौरान इस बात का रखें ध्यान
महाकालेश्वर मंदिर में सभी व्यवस्थाएं पारदर्शी करने की हमेशा कोशिशें की जाती रही है. महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर में गड़बड़ियां सामने आने के बाद आप सभी व्यवस्थाओं को हाईटेक कर दिया गया है. ₹1500 की रसीद पर भी बारकोड स्कैन का प्रावधान है. जब श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश करते हैं तो उसके पहले लैपटॉप से बारकोड स्कैन कर रसीद के बारे में जानकारी हासिल कर ली जाती है. इसके अतिरिक्त श्रद्धालुओं से यह भी अपील कर दी गई है कि उनके द्वारा सभी प्रकार की रसीद स्वयं और मंदिर के काउंटर से ही ली जाए ताकि दलालों को ठगी करने का मौका न मिले. उज्जैन ही नहीं बल्कि किसी भी देश की किसी भी होटल में महाकाल मंदिर के दर्शन भस्म आरती या किसी भी प्रकार की सुविधा का कोई भी कनेक्शन नहीं है, इसलिए श्रद्धालु ठगी से बचने के लिए होटल वालों से मंदिर की व्यवस्था और सुविधाओं का लाभ लेने के लिए कोई भी राशि या पैकेज ना लें.


सूत्र: http://bit.ly/3xqOeFc


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