8 जुलाई 2023। बरेली की एसडीएम ज्योति मोर्या का मामला अभी चर्चा का विषय बना हुआ है। ज्योति मोर्या ने एसडीएम बनने के बाद पति को छोड़ दिया। पति आलोक मोर्या का दावा है कि वह किसी अफसर के साथ रिलेशन में आ गई हैं। ऐसा ही मामला देवास से आया है, लेकिन यहां पीड़ित पति नहीं पत्नी है। पत्नी ने पति को पढ़ाने के लिए घरों में बर्तन मांजे, मजदूरी कर रुपए जुटाए, लेकिन जब पति कमर्शियल टैक्स अफसर बन गया तो दूसरी महिला से शादी कर ली। पति और दोनों पत्नियां आदिवासी समुदाय की हैं।
जिले के बेहरी क्षेत्र के आरिया गांव की ममता का जोबट (आलीराजपुर) निवासी कमरू पुत्र नगर सिंह से प्रेम-प्रसंग था। 2015 में दोनों ने कोर्ट मैरिज की। कमरू स्नातक उत्तीर्ण था, लेकिन उसके पास नौकरी या रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं थी। ममता ने उसे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कहा। कमरू ने प्रतियोगिता परीक्षाओं के फार्म और किताबों आदि पर खर्च होने वाली राशि की बात कही, तो ममता ने यह जिम्मा उठाया।
ममता को मायके भेज की दूसरी शादी
ममता ने दूसरों के घरों में साफ-सफाई की, बर्तन मांजे और दुकानों पर काम कर पति के लिए किताबें-नोट्स मंगवाएं, जिससे वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी सके। आखिरकार 2019-20 में कमरू को सफलता मिली और कमर्शियल टैक्स अफसर के पद पर उसका चयन हुआ। रतलाम जिले में उसकी पोस्टिंग हुई। इसी बीच वह जोबट निवासी युवती के संपर्क में आया तो ममता को मायके भेज उसके साथ रहने लगा। ममता का कहना है कि उसके पहले पति का निधन हो गया था। उसके बाद वह कमरू के संपर्क में आई थी। करीब छह साल दोनों साथ रहे।
कोर्ट में पत्नी के रूप में स्वीकार कर किया
ममता के वकील सूर्यप्रकाश गुप्ता का कहना है कि दायर वाद की सुनवाई के दौरान पति ने कोर्ट में स्वीकार किया था कि ममता मेरी पत्नी है और इसे साथ रखूंगा। नहीं रखने पर 12 हजार रुपए प्रतिमाह देने की बात भी कही थी, लेकिन अब वह इससे भी इनकार करने लगा है।
पत्नी ने बर्तन मांजकर पति को पढ़ाया और पति ने अफसर बनकर की दूसरी शादी
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 953
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