14 जुलाई 2023। मध्य प्रदेश देश के अलीराजपुर एवं उमरिया वनमंडल से इस साल 57 टन फूड ग्रेड का महुआ लंदन निर्यात हुआ है जिससे कुल 66 लाख 41 हजार रुपये की आय हुई है। उमरिया वनमंडल को 24 लाख 3 हजार एवं अलीराजपुर वनमंडल को 42 लाख 38 हजार रुपये की आय हुई है।
यह निर्यात राज्य के वन विभाग की इकाई लघु वनोपज संघ ने किया है। संघ महुआ का संग्रहण न्यूनतम समर्थन मूल्य 35 रुपये प्रति किलो में करता है परन्तु उसने लंदन में निर्यात 110 रुपये प्रति किलो में किया है। इससे उक्त दोनों वनमंडल के महुआ संग्राहकों को तीन गुना मुनाफा हुआ है।
यह प्रक्रिया अपनाई :
लघु वनोपज संघ ने उक्त दोनों वनमंडलों में नेट के माध्यम से महुआ से महुआ संग्रहण कराने का प्रशिक्षण दिया। संग्राहकों ने महुआ के पेड़ के नीचे ग्रीन नेट सुरक्षित ऊंचाई पर बांधे, स्वच्छता के साथ नेट से महुआ बीना एवं सूखे स्थान पर फूल सुखाने एवं पॉलीसेव बैग्स में रखवाया। ज्ञातव्य है कि ग्रीन नेट के द्वारा संग्रहित महुआ के फूल मिट्टी तथा खरपतवार रहित होते हैं। इस प्रकार, गुणवतापूर्ण महुआ संग्रहण करने से उनकी बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है। लघु वनोपज संघ ने इन दोनों वनमंडलों के संग्रहित महुआ का जैविक प्रमाणीकरण भी करवाया। यह प्रमणीकरण एमपी स्टेट आर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेन्सी से करवाया गया। लंदन में निर्यात किये गये इस महुआ का उपयोग महुआ चाय, निब्स, प्रोटीन बार और चॉकलेट के उत्पादन में किया जायेगा। स्वयं लघु वनोपज संघ ने महुआ से लड्डू एवं बिस्कुट बनवाये हैं तथा भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित अपनी इकाई में महुआ प्राश का निर्माण भी किया है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एवं कुपोषण दूर करने में सहायक हुआ है।
- डॉ. नवीन जोशी
मप्र के अलीराजपुर एवं उमरिया वनमंडल से 57 टन महुआ लंदन निर्यात हुआ.... 66 लाख आय की आय हुई
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 795
Related News
Latest News
- भारत ने अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया, 5000 किमी तक मारक क्षमता
- खनिज संसाधनों की प्रचुरता, निवेश अनुकूल नीतियों और नवाचारों से प्रदेश बनेगा माइनिंग कैपिटल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- इंडियनऑयल और एयर इंडिया के बीच सतत विमानन ईंधन (SAF) आपूर्ति हेतु समझौता
- OpenAI ने वर्चुअल रिश्तों की दुनिया में मचाई खलबली, अपडेट के बाद अब पहले जैसे नहीं रहे
- भारत-चीन रिश्तों में “स्थिर प्रगति”, शी से मिलने को उत्सुक मोदी
- व्हाइट हाउस को यूक्रेन संकट में दिखी “उम्मीद की किरण”