
22 अगस्त 2023। मध्य प्रदेश सरकार ने नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास और राहत नीति 2023 जारी की है। यह नीति नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए है। नीति में नक्सली, आत्मसमर्पणकर्ता, राज्य स्तरीय जांच समिति और आत्मसमर्पण प्रक्रिया के लिए स्पष्ट परिभाषाएं प्रदान की गई हैं।
नक्सली को आत्मसमर्पण करने के लिए सक्षम अधिकारियों की परिधि भी बढ़ाई गई है। अब आत्मसमर्पणकर्ता किसी भी पुलिस अधिकारी, कार्यपालिक दंडाधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के सहायक सेनानी से अन्यून रैंक के अधिकारी (जहां केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात है) या राज्य सरकार द्वारा नामांकित अधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण कर सकते हैं।
नक्सली द्वारा आत्मसमर्पण करने के बाद की प्रक्रिया भी नीति में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है। आत्मसमर्पणकर्ता को शस्त्रों के साथ आत्मसमर्पण करने पर अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। आत्मसमर्पणकर्ता को गृह निर्माण, विवाह, शिक्षा और रोजगार के अवसरों के साथ-साथ अनुदान और प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाएंगे।
नक्सली हिंसा में पीड़ित परिवारों को भी नीति में राहत प्रदान की गई है। मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाएगी और अचल संपत्ति को क्षति होने पर राहत राशि प्रदान की जाएगी।
मध्य प्रदेश सरकार की यह नीति नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित करेगी। यह नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास और राहत नीति के प्रमुख बिंदु
नक्सली, आत्मसमर्पणकर्ता, राज्य स्तरीय जांच समिति और आत्मसमर्पण प्रक्रिया के लिए स्पष्ट परिभाषाएं प्रदान की गई हैं।
आत्मसमर्पण करने के लिए सक्षम अधिकारियों की परिधि बढ़ाई गई है।
नक्सली द्वारा आत्मसमर्पण करने के बाद की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से उल्लिखित है।
आत्मसमर्पणकर्ता को शस्त्रों के साथ आत्मसमर्पण करने पर अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
आत्मसमर्पणकर्ता को गृह निर्माण, विवाह, शिक्षा और रोजगार के अवसरों के साथ-साथ अनुदान और प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाएंगे।
नक्सली हिंसा में पीड़ित परिवारों को भी राहत प्रदान की जाएगी।
मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाएगी और अचल संपत्ति को क्षति होने पर राहत राशि प्रदान की जाएगी।
मध्य प्रदेश सरकार की यह नीति नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित करेगी। यह नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।