×

वृत्ति कर कानून में 28 साल बाद संशोधन, अब कोर्ट से सजा नहीं

Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 547

29 अगस्त 2023। 28 साल बाद मप्र वृत्ति कर अधिनियम 1995 में संशोधन हो गया है। अब इस अधिनियम में वृत्ति कर जमा नहीं करने पर कोर्ट से सजा दिलाने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। ऐसा एक्ट के कतिपय उपबंधों के गैर अपराधीकरण के लिये किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उक्त कानून में संशोधन के लिये विधानसभा के पिछले सत्र में विधेयक लाया गया था जो पारित हो गया था और अब राज्यपाल ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी है जिससे यह पूरे प्रदेश में लागू हो गया है।

तीन धारायें विलोपित हुईं :
संशोधन के तहत वृत्ति कर एक्ट की तीन धाराओं को विलोपित कर दिया गया है। धारा 23 में प्रावधान था कि नियोजक वृत्ति कर कानून का उल्लंघन करता है तो उसका प्रकरण कोर्ट में ले जाया जायेगा जहां दोष सिध्द पाये जाने पर ढाई हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा और ऐसा अपराध जारी रहने तक प्रत्येक दिन के हिसाब से 25 रुपये तक जुर्माना वसूला जायेगा। इसी प्रकार, धारा 24 में प्रावधान था
कि किसी कंपनी द्वारा एक्ट के उल्लंघन का अपराध किया जाता है तो उसका केस भी कोर्ट में ले जाया जायेगा और वहां प्रत्येक दोषी व्यक्ति को सजा दी जा सकेगी। धारा 26 में प्रावपधान था कि एक्ट के जिन उपबंधों के उल्लंघन पर शास्ति लगाई गई है, उस पर अभियोजन की कार्यवाही नहीं होगी। अब ये तीनों धारायें विलोपित कर दी गई हैं।

- डॉ. नवीन जोशी


Madhya Pradesh, प्रतिवाद समाचार, प्रतिवाद, MP News, Madhya Pradesh News, MP Breaking, Hindi Samachar, prativad.com

Related News

Global News