![prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद](/images/news/4580.jpg)
भोपाल: 4 दिसंबर 2023। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में नोटा का इस्तेमाल 2013 से धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।
इस बार कुल मतदाताओं का 0.98% मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया।
15 सीटों पर हार-जीत के अंतर से अधिक वोट नोटा को मिले।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में नोटा का इस्तेमाल 2013 से धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इस बार कुल मतदाताओं का 0.98% मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया। 2013 में यह आंकड़ा 1.90% और 2018 में 1.42% था।
इस बार चुनाव में 15 सीटों पर हार-जीत के अंतर से अधिक वोट नोटा को मिले। इनमें से एक सीट शाजापुर की है, जहां भाजपा के अरुण भीमावद ने कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री हुकुमचंद कराड़ा को 28 मतों से पराजित किया, जबकि यहां नोटा में 1534 मत दिए गए। इसी तरह प्रदेश में शिवराजसिंह मंत्रिमंडल के मंत्री कमल पटेल हरदा में 870 मतों से हार गए परंतु वहां नोटा में 2375 मत आए।
मतदाता की पसंद जब कोई उम्मीदवार नहीं होता है तो इस तरह की स्थिति बनती रहेगी। उम्मीदवारों को भी अपने प्रचार के दौरान मतदाताओं को आगाह करना होगा कि नोटा के बजाय उन्हें मौका दें।
नोटा का मतलब है "उक्त प्रत्याशियों में से कोई भी पसंद नहीं"। यह एक वैकल्पिक विकल्प है, जिसका इस्तेमाल कोई भी मतदाता कर सकता है, यदि उसे किसी भी उम्मीदवार से संतुष्टि नहीं हो।
इन सीटों पर हार जीत में नोटा भारी
विधानसभा क्षेत्र- विजयी दल - मतों से जीत - नोटा में पड़े मत
मांधाता - भाजपा - 589 - 1544
धरमपुरी - भाजपा - 356 - 2455
शाजापुर - भाजपा - 28 - 1534
गुन्नौर - भाजपा - 1160 - 2012
सोहागपुर - भाजपा - 1762 - 2362
भीकनगांव - कांग्रेस - 603 - 1799
राजपुर - कांग्रेस - 890 - 1683
मनावर - कांग्रेस - 708 - 1814
महिदपुर - कांग्रेस - 290 - 1417
सेंधवा - कांग्रेस - 1677 - 5098
थांदला - कांग्रेस - 1340 - 3108
गोहद - कांग्रेस - 697 - 790
हरदा - कांग्रेस - 870 - 2375
सेमरिया - कांग्रेस - 637 - 1068
टिमरनी - कांग्रेस - 950 - 2561