×

साइबर ठग ने एपल के सीईओ टिम कुक को भी नहीं छोड़ा, आईफोन ऐप बनाने के नाम पर 1 करोड़ की धोखाधड़ी!

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1169

4 जुलाई 2024। मध्य प्रदेश साइबर सेल ने एक चौंकाने वाली घटना में इंदौर के एक इंजीनियर को गिरफ्तार किया है जिसने ऑस्ट्रेलियाई नागरिक से 1 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की थी। आरोपी ने Apple कंपनी के उत्पादों के सॉफ्टवेयर बनाने के नाम पर पीड़ित से संपर्क किया और फिर पार्टनरशिप के लिए 1 करोड़ रुपये की रकम हड़प ली। ठगी का सिलसिला यहीं नहीं रुका, आरोपी ने Apple के CEO टिम कुक के फर्जी हस्ताक्षर वाले एक कॉन्ट्रैक्ट का ई-मेल भी पीड़ित को भेज दिया।

ठगी का तरीका:
आरोपी, मयंक शर्मा, ने खुद को एक कुशल सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में पेश किया और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक, मार्क शेफर्ड से संपर्क किया। उसने शेफर्ड को Apple कंपनी के उत्पादों के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट करने में अपनी विशेषज्ञता का झूठा दावा किया। मयंक ने शेफर्ड को विश्वास दिलाया कि वह Apple के साथ सीधे पार्टनरशिप में काम करता है और उसे कंपनी के CEO टिम कुक का भी समर्थन प्राप्त है।

विश्वास हासिल करने के बाद, मयंक ने शेफर्ड से 1 करोड़ रुपये की रकम हासिल कर ली, जो कि कथित तौर पर Apple के साथ पार्टनरशिप शुल्क के रूप में थी।

पैसे हड़पने के बाद, मयंक ने शेफर्ड को Apple के CEO टिम कुक के फर्जी हस्ताक्षर वाला एक कॉन्ट्रैक्ट का ई-मेल भी भेजा, ताकि उसे धोखाधड़ी का एहसास न हो।

शेफर्ड को धोखाधड़ी का एहसास हुआ जब:
उसे Apple से कोई संपर्क नहीं हुआ।
मयंक ने उसे टालना शुरू कर दिया।
फर्जी कॉन्ट्रैक्ट की जांच करने पर, शेफर्ड को पता चला कि यह जालसाजी का एक हिस्सा था।
शेफर्ड ने तुरंत मध्य प्रदेश साइबर सेल से संपर्क किया, जिसके बाद मयंक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस घटना से साफ हो जाता है कि कैसे साइबर अपराधी लोगों को धोखा देने के लिए नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे ऑनलाइन लेनदेन करते समय सावधानी बरतें और किसी भी अनजान व्यक्ति या कंपनी को पैसे न दें, खासकर यदि वे भारी रकम की मांग कर रहे हों।

यह घटना इंटरनेट पर मौजूद धोखेबाजों और उनसे बचने के लिए आवश्यक सावधानियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करती है।

Related News

Latest News

Global News