इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना: मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक सौगात, मुख्यमंत्री का आभार और खुशी

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2591

3 सितंबर 2024। इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना की स्वीकृति से मध्यप्रदेश में एक नया विकास का दौर शुरू होने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे एक ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि इस परियोजना से मालवा और निमाड़ अंचल के अनुसूचित जनजाति के लोगों का जीवन बदल जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह परियोजना राज्य के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

मध्यप्रदेश की रेल कनेक्टिविटी और विकास की संभावनाएं
मध्यप्रदेश, जो देश के केंद्र में स्थित है, यहां रेलवे के विकास की अपार संभावनाएं हैं। इंदौर-मनमाड़ रेलवे परियोजना से इस क्षेत्र में रोजगार के नए साधन उत्पन्न होंगे, व्यापार, औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में भी तेजी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब बनने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। राज्य सरकार इस रेल लाइन के साथ-साथ अन्य विकास कार्य भी करेगी और इस क्षेत्र को इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया गया है।




धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इस रेलवे लाइन से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह रेल लाइन चार ज्योतिर्लिंगों को आपस में जोड़ेगी, जिससे प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान हो जाएगी। उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और नासिक के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के बीच की दूरी कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी और धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।

परियोजना का विस्तृत परिचय
इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना की कुल लंबाई 309 किलोमीटर है और इसका निर्माण 18,036.25 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह परियोजना मध्यप्रदेश के प्रमुख जिलों जैसे इंदौर, धार, खरगोन, और बड़वानी को महाराष्ट्र के नासिक और धुले जिलों से जोड़ेगी। इस परियोजना से इन जिलों में आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी।

रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर
इस परियोजना के निर्माण के दौरान और इसके पूर्ण होने पर रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे राज्य के युवाओं को लाभ मिलेगा। औद्योगिक और कृषि उत्पादों के परिवहन में तेजी आएगी, जिससे किसानों और उद्योगपतियों को बड़ा लाभ होगा। नासिक और धुले जैसे जिलों के प्याज उत्पादक हब और इंदौर के औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।

बड़वानी जिले को पहली बार रेलवे नेटवर्क से जोड़ना
बड़वानी, जो कि एक आकांक्षी जिला है, पहली बार भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ेगा। इससे इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी और आर्थिक विकास के नए अवसर प्राप्त होंगे। परियोजना के अंतर्गत प्रमुख नदियों और पहाड़ी क्षेत्रों पर पुलों और सुरंगों का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और यातायात सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

प्रधानमंत्री का विजन: रेलवे का अमृतकाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे को नए युग में प्रवेश करने का अवसर मिल रहा है। हर साल 5,000 किलोमीटर से अधिक नए ट्रैक का निर्माण और 1300 से अधिक स्टेशनों का पुनर्विकास हो रहा है, जिससे देश के परिवहन ढांचे को मजबूती मिलेगी।

मध्यप्रदेश के चार जिलों को मिलेगी नई रेल कनेक्टिविटी
इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 4 जिलों (बड़वानी, खरगोन, धार और इंदौर) को नई रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। लगभग 309 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन से राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी, जिससे स्थानीय विकास को गति मिलेगी।

महाराष्ट्र में लाभ
महाराष्ट्र के प्रमुख शहर जैसे मालेगांव, धुले, सिंधखेड़ा, शिरपुर आदि को भी सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। नासिक, धुले, और नंदुरबार जैसे प्याज उत्पादक हबों के लिए वैकल्पिक और तेज़ लॉजिस्टिक्स विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे किसानों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।

आर्थिक विकास और निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन
इस परियोजना से मध्यप्रदेश के आर्थिक परिदृश्य में व्यापक सुधार होगा। नए उद्योगों और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। इंदौर और मुंबई जैसे दो प्रमुख आर्थिक केंद्रों को जोड़ने से बड़वानी और खरगोन जैसे औद्योगिक रूप से पिछड़े जिलों में भी आर्थिक विकास होगा।

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को होगा बड़ा लाभ
इस नई रेल लाइन से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को जेएनपीए और हजीरा पोर्ट तक सीधा कनेक्शन मिलेगा, जिससे महिंद्रा एंड महिंद्रा, वीई कमर्शियल व्हीकल्स (वोल्वो और आयशर के बीच JV), फोर्स मोटर्स, और राठी स्टील इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख उद्योगों को बड़ा फायदा होगा। खाद्यान्न, वस्त्र, उर्वरक, इस्पात उत्पादों आदि का तेज गति से परिवहन और कुशल प्रबंधन हो सकेगा।

पर्यावरण संरक्षण
इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन परियोजना पर्यावरण के अनुकूल है। इससे हर साल लगभग 138 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी, जो 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। साथ ही, 18 करोड़ लीटर हाई स्पीड डीजल आयात की बचत होगी, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।

भूमि अधिग्रहण और राज्य सरकार का योगदान
इस परियोजना के लिए मध्यप्रदेश में 905.191 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जबकि महाराष्ट्र में 796.104 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। कुल मिलाकर 1,701.295 हेक्टेयर भूमि इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की जाएगी। मध्यप्रदेश सरकार इस परियोजना में राज्य के हिस्से के लिए 10% की राशि, अर्थात 1,362.80 करोड़ रूपये का योगदान देगी। राज्य सरकार इस परियोजना के तहत अपने हिस्से के लिए आवश्यक धनराशि का वहन राज्य खजाने से करेगी, ताकि परियोजना समय पर और सुचारू रूप से पूरी हो सके।

विकास का नया अध्याय
इंदौर-मनमाड़ नई रेल परियोजना, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लिए एक विकास की नई गाथा लिखेगी। इससे न केवल आर्थिक विकास को बल मिलेगा, बल्कि समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ मिलेगा। यह परियोजना दोनों राज्यों को जोड़ने और उनके समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों की तस्वीर बदल जाएगी।

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