भारत का लक्ष्य: शिखर पर बने रहना - प्रधानमंत्री मोदी

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2038

मध्यप्रदेश: नवकरणीय ऊर्जा में असंभव को संभव करने की दिशा में अग्रणी - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 सितम्बर 2024 को गुजरात के गांधीनगर में चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट और एक्सपो का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत के 140 करोड़ लोग देश को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने भारत की विविधता, विस्तार, क्षमता और दक्षता की तारीफ की और कहा कि भारत 'इंडियन सॉल्यूशंस फॉर ग्लोबल एप्लीकेशंस' का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रीन एनर्जी के भविष्य पर दुनिया के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा इस उद्देश्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की विकास योजना 2047 तक एक विकसित देश बनने की है और "ग्रीन फ्यूचर" तथा "नेट ज़ीरो" जैसे शब्द महज नारे नहीं हैं, बल्कि यह भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि अगले एक हजार सालों के लिए एक ठोस नींव तैयार कर रहा है। भारत का लक्ष्य सिर्फ शिखर पर पहुंचना ही नहीं, बल्कि वहां बने रहना भी है। इसके लिए सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, न्यूक्लियर और हाईड्रो पॉवर जैसे स्रोतों पर जोर दिया जा रहा है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के सौर ऊर्जा से जुड़े कार्यों का प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश वह राज्य है जो असंभव को संभव करने की क्षमता रखता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में पिछले 12 सालों में 14 गुना से अधिक वृद्धि हुई है। साल 2012 में राज्य की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता 500 मेगावॉट से भी कम थी, जबकि अब यह 21 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि रीवा सौर परियोजना एक बड़ी सफलता है और इसे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जा रहा है। इस परियोजना ने देश में पहली बार कोयला ऊर्जा से सस्ती सौर ऊर्जा प्रदान की, जो दिल्ली मेट्रो को सप्लाई की गई। इसके अलावा, आगर-शाजापुर-नीमच सोलर पार्क में न्यूनतम 2.14 रुपये प्रति यूनिट की दर पर सौर ऊर्जा प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश की योजना है कि 2025 तक सभी सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे।

राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से विकास करने के लिए 15 हजार हेक्टेयर भूमि चिन्हित की है, जहां 7 हजार 500 मेगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की जाएगी। साथ ही 3 हजार मेगावॉट पवन ऊर्जा भी स्थापित की जाएगी। ओंकारेश्वर में दुनिया की सबसे बड़ी 600 मेगावॉट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना विकसित की जा रही है, जो पानी के वाष्पीकरण को कम करने में भी मदद करेगी।

डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने नर्मदापुरम में 464.65 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग जोन भी स्थापित किया है, जो नवकरणीय ऊर्जा के प्रोत्साहन के लिए है। इस जोन में भूमि, विद्युत और जल दरों पर आकर्षक रियायतें दी जा रही हैं, जिससे निवेशकों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। भूमि आवंटन एक रुपये की टोकन राशि पर किया जाएगा और विद्युत दर में पहले 5 वर्षों तक 4 रुपये 36 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी जाएगी।

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गोआ के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और श्रीपाद नाइक सहित अन्य कई मंत्री और देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। जर्मनी और डेनमार्क के मंत्रियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

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