×

एक पत्रकार की प्रतिमा जिसके लोग होंठों को चूमते हैं, पैरों और जननांगों को छूते हैं, अजीब मान्यता

prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद
Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 11448

भोपाल: 12 अक्टूबर 2024। पेरिस के प्रसिद्ध पेरे-लाशे कब्रिस्तान में, जहाँ इतिहास के कई महान और मशहूर व्यक्तियों की कब्रें हैं, एक कब्र ऐसी है जो अपने विचित्र कारणों के लिए चर्चा में रहती है। लाखों महिलाएँ और पुरुष, दुनिया भर से, 1800 के दशक के प्रसिद्ध पत्रकार विक्टर नोयर की कब्र पर आते हैं, लेकिन सिर्फ श्रद्धांजलि देने के लिए नहीं। वे उनकी कांस्य प्रतिमा के होंठों को चूमते हैं, पैरों को छूते हैं, और विशेष रूप से उनके जननांगों को रगड़ते हैं। इस अजीब व्यवहार के पीछे कोई मस्ती नहीं, बल्कि एक अजीबोगरीब विश्वास छिपा है?कि ऐसा करने से उन्हें प्रजनन क्षमता, कामुक सुख, और प्रेम जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होगी।

विक्टर नोयर कौन थे?
विक्टर नोयर 19वीं सदी के एक प्रमुख पत्रकार थे, जो अपनी दुखद और विवादास्पद मौत के लिए अधिक जाने जाते हैं। 1870 में, नेपोलियन बोनापार्ट के रिश्तेदार, प्रिंस पियरे बोनापार्ट के साथ हुए विवाद में नोयर की हत्या हो गई थी। उनकी मौत से पूरे फ्रांस में गुस्सा फैल गया और उन्हें जनता के बीच एक शहीद के रूप में देखा गया। उनके अंतिम संस्कार के दौरान हजारों लोग पेरिस की सड़कों पर उतर आए, जो उस समय की शाही सत्ता के खिलाफ विरोध का प्रतीक बन गया।

हालांकि, समय के साथ उनकी राजनीतिक महत्ता की जगह एक अजीब लोककथा ने ले ली, जिसने उनकी कब्र को एक विशेष आकर्षण का केंद्र बना दिया।

प्रतिमा और उसका अजीब आकर्षण
विक्टर नोयर की कब्र पर बनी प्रतिमा, जिसे प्रसिद्ध मूर्तिकार जूल्स डालौ ने बनाया था, उनके शरीर की वास्तविक स्थिति को दर्शाती है जिस समय उन्हें गोली मारी गई थी। उनकी लम्बी काया और चेहरे की विशेषताएँ मूर्तिकला में बहुत ही जीवंत ढंग से उकेरी गई हैं। लेकिन इस प्रतिमा में एक विशेष तत्व है जिसने इसे इतना आकर्षक बना दिया?उनके जननांग क्षेत्र में स्पष्ट रूप से एक उभार दिखता है। यह वही हिस्सा है जो वर्षों से लोगों के ध्यान का केंद्र बना हुआ है।

Madhya Pradesh, प्रतिवाद समाचार, प्रतिवाद, MP News, Madhya Pradesh News, MP Breaking, Hindi Samachar, prativad.com



स्थानीय मान्यता के अनुसार, इस प्रतिमा के जननांगों को छूने से महिलाओं को प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है और उनका यौन जीवन बेहतर होता है। यह मान्यता धीरे-धीरे व्यापक रूप से फैल गई और आज यह एक परंपरा बन चुकी है। हर साल महिलाएँ, और कुछ पुरुष भी, नोयर की प्रतिमा के होंठ चूमते हैं, पैर छूते हैं, और जननांगों को रगड़ते हैं, इस उम्मीद में कि उन्हें इससे प्रेम और जीवन में सौभाग्य प्राप्त होगा। वर्षों की इस प्रक्रिया से अब प्रतिमा के ये हिस्से बाकी हिस्सों के मुकाबले ज्यादा चमकदार और चिकने हो गए हैं।

प्रजनन और प्रेम: इस मान्यता के पीछे का विश्वास
प्रतिमा को छूने से प्रजनन और प्रेम जीवन में सुधार होने का विश्वास भले ही अजीब लगे, लेकिन इतिहास में ऐसे अंधविश्वास असामान्य नहीं हैं। विभिन्न संस्कृतियों में यह विश्वास प्रचलित रहा है कि कुछ विशेष वस्तुएँ या मूर्तियाँ प्रेम और प्रजनन क्षमता पर प्रभाव डाल सकती हैं।

विक्टर नोयर की प्रतिमा के साथ जुड़ी यह मान्यता एक तरह की लोककथा और मिथक का मिश्रण है। कहा जाता है कि जो महिलाएँ उनकी प्रतिमा के जननांगों को छूती हैं, उनके गर्भधारण की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। कुछ लोग कब्र पर फूल, उपहार या नोट छोड़कर इस अजीबोगरीब आशीर्वाद की उम्मीद करते हैं। यह पूरा कर्मकांड, चाहे जितना विचित्र लगे, प्रेम और कामुकता के प्रतीक के रूप में गहराई से जड़ें जमाए हुए है।

एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल
पेरे-लाशे कब्रिस्तान सिर्फ एक साधारण कब्रगाह नहीं है। यहाँ ऑस्कर वाइल्ड, जिम मॉरिसन, एडिथ पियाफ और फ्रेडरिक शोपिन जैसे विश्व प्रसिद्ध हस्तियों की कब्रें हैं। लेकिन विक्टर नोयर की कब्र इस अजीब परंपरा के कारण सबसे अलग है। यह कब्रिस्तान एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है, जहाँ विशेष रूप से लोग इस अनोखी मान्यता को देखने और उसमें भाग लेने के लिए आते हैं।

आश्चर्यजनक बात यह है कि यह परंपरा पेरिस के स्थानीय लोगों तक सीमित नहीं रही, बल्कि दुनिया भर के लोग अब इसमें हिस्सा लेने लगे हैं। कुछ लोग जिज्ञासा से आते हैं, कुछ सच्चे विश्वास के साथ, जबकि कई इस अनोखी और रहस्यमयी परंपरा का हिस्सा बनने के लिए आते हैं।

विवाद और प्रतिमा की सुरक्षा
विक्टर नोयर की प्रतिमा से जुड़ा यह अजीब व्यवहार विवाद से भी अछूता नहीं रहा। कब्रिस्तान के अधिकारियों ने इस प्रथा को रोकने की कई बार कोशिश की, क्योंकि उन्हें प्रतिमा के क्षतिग्रस्त होने का डर था। प्रतिमा के चारों ओर अवरोधक लगाए गए थे ताकि लोग उसे छू न सकें, लेकिन जनता के विरोध के कारण उन्हें हटा दिया गया। अब यह प्रतिमा फिर से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है, और इसके चमकते हुए हिस्से इस बात का सबूत हैं कि यह परंपरा आज भी कितनी जीवंत है।

विक्टर नोयर की प्रतिमा केवल एक शहीद पत्रकार की कब्र नहीं है; यह अब प्रजनन, यौन शक्ति और प्रेम के प्रतीक के रूप में जानी जाती है। चाहे यह परंपरा लोककथा हो या अंधविश्वास, इसने पेरिस के इस कब्रिस्तान को एक अनोखी पहचान दी है। यह कहानी इस बात की झलक देती है कि कैसे मानवता प्रेम, संतान और भाग्य की खोज में अजीबोगरीब परंपराओं और मान्यताओं को अपनाती है। विक्टर नोयर का स्मारक अब केवल एक पत्रकार की याद नहीं, बल्कि एक अजीब और स्थायी परंपरा का प्रतीक बन चुका है, जो लोगों के दिलों और जीवन का हिस्सा बन गई है।

Related News

Global News