
14 मई 2025। इतिहास में कुछ संयोग इतने असाधारण होते हैं कि वे हमारी सोच से परे लगते हैं। ऐसा ही एक आश्चर्यजनक संयोग जुड़ा है आधुनिक विज्ञान के तीन दिग्गजों — गैलीलियो गैलिली, अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग — से। इन तीनों वैज्ञानिकों ने अलग-अलग युगों में विज्ञान की परिभाषा को बदला, और उनके जीवन की तारीखें एक अद्भुत समय चक्र में आपस में जुड़ती हैं।
👉 स्टीफन हॉकिंग का जन्म और गैलीलियो की मृत्यु: 300 साल का अंतर, एक ही तारीख
स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को हुआ था। यह वही तारीख है, जब गैलीलियो गैलिली, जिन्हें आधुनिक विज्ञान का पिता माना जाता है, 8 जनवरी 1642 को इस दुनिया से विदा हुए थे। यानी ठीक 300 वर्ष बाद, उसी दिन, जब गैलीलियो की मृत्यु हुई थी, स्टीफन हॉकिंग का जन्म हुआ।
गैलीलियो ने खगोल विज्ञान, गति विज्ञान और दूरबीन के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी। वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने टेलीस्कोप से आकाश का अवलोकन किया और यह सिद्ध किया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है, ना कि इसके विपरीत — यह एक क्रांतिकारी खोज थी जिसने चर्च के विचारों को चुनौती दी।
स्टीफन हॉकिंग, जिन्होंने ब्रह्मांड विज्ञान (cosmology), ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी जैसे क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया, को अक्सर "आधुनिक युग का आइंस्टीन" भी कहा जाता है। उनका जन्म गैलीलियो की मृत्यु की 300वीं वर्षगांठ पर होना विज्ञान प्रेमियों के लिए एक गहरा और रहस्यमय संयोग है।
👉 स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु और आइंस्टीन का जन्म: फिर वही तारीख
स्टीफन हॉकिंग का निधन 14 मार्च 2018 को हुआ। यह तारीख भी सामान्य नहीं थी — 14 मार्च 1879 को ही दुनिया के महानतम भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म हुआ था।
आइंस्टीन ने अपने सापेक्षता के सिद्धांत (Theory of Relativity) और द्रव्य-ऊर्जा समीकरण E=mc2 के माध्यम से भौतिक विज्ञान की दिशा ही बदल दी। उनकी सोच ने न केवल वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड को समझने के नए तरीके दिए, बल्कि दर्शन और आधुनिक तकनीक पर भी गहरा प्रभाव डाला।
हॉकिंग का निधन आइंस्टीन के जन्मदिवस पर होना भी विज्ञान के इतिहास में एक अनूठा अध्याय जोड़ता है।
🌐 तीन युग, तीन महापुरुष, एक विज्ञान
👉 गैलीलियो (1564–1642): आधुनिक विज्ञान की नींव रखने वाले व्यक्ति।
👉 आइंस्टीन (1879–1955): आधुनिक भौतिकी और ब्रह्मांड के नए नजरिए के जनक।
👉 स्टीफन हॉकिंग (1942–2018): ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को आमजन तक पहुंचाने वाले वैज्ञानिक।
इन तीनों के जीवन की तारीखें मानो एक-दूसरे को समय की डोर में बांधती हैं — यह दर्शाती हैं कि विज्ञान की ज्योति समय के साथ एक युग से दूसरे युग में स्थानांतरित होती रहती है।