
प्रतिवाद विशेष रिपोर्ट | दीपक शर्मा
15 जून 2025 | जब अफगानिस्तान में सोवियत युद्ध की आंच फैली, तब एक छह महीने की बच्ची अपने परिवार संग जान बचाकर पाकिस्तान के रास्ते ऑस्ट्रेलिया पहुंची। वही बच्ची आज याल्दा हाकिम के नाम से अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता का प्रतिष्ठित चेहरा बन चुकी है। बीबीसी और अब स्काई न्यूज़ पर अपनी पैनी रिपोर्टिंग और मानवाधिकार पर निर्भीक सवालों के लिए जानी जाने वाली याल्दा हाकिम, आज संघर्षशील महिलाओं और शरणार्थियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
🌍 एक पत्रकार, जिसने जंग के बीच तलाशा इंसानियत का चेहरा
याल्दा का जन्म 1983 में काबुल में हुआ। 1986 में उनका परिवार ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हुआ, जहां उन्होंने मीडिया और पत्रकारिता की पढ़ाई की। याल्दा ने पत्रकारिता की शुरुआत SBS वर्ल्ड न्यूज़ से की और जल्द ही Dateline की एंकर बनीं। 2012 में उन्होंने बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ जॉइन किया और Impact with Yalda Hakim जैसे कार्यक्रमों से वैश्विक पहचान बनाई।
वे यूक्रेन युद्ध, तालिबान के कब्जे के दौरान अफगानिस्तान, गाजा, इराक और सूडान जैसे संकटग्रस्त इलाकों से रिपोर्टिंग कर चुकी हैं। याल्दा की पत्रकारिता की खासियत है – युद्ध क्षेत्रों में जाकर आम लोगों की आवाज़ को दुनिया के सामने लाना।
🎤 इंटरव्यू जो इतिहास में दर्ज हुए
याल्दा ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई, अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जैसे शीर्ष नेताओं का इंटरव्यू किया है।
2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के दौरान उन्होंने तालिबान प्रवक्ताओं से सीधे सवाल किए और वायरल इंटरव्यू के जरिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा।
📺 अब स्काई न्यूज़ की नई आवाज
जुलाई 2023 में याल्दा ने बीबीसी छोड़कर स्काई न्यूज़ जॉइन किया और अब वे The World with Yalda Hakim की एंकर हैं। यहां वे वैश्विक घटनाओं को नई दृष्टि से पेश कर रही हैं। हाल ही में उनका पाकिस्तान के एक मंत्री से "आतंकवाद पर दोहरे रवैये" को लेकर पूछे गए तीखे सवालों ने भारत सहित दक्षिण एशिया में सुर्खियां बटोरीं।
🎓 याल्दा हाकिम फाउंडेशन – शिक्षा से बदलाव की कोशिश
2018 में याल्दा ने Yalda Hakim Foundation की स्थापना की, जो अफगान लड़कियों को स्कॉलरशिप और मेंटरशिप के जरिए उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करती है। ऑक्सफोर्ड और अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ अफगानिस्तान से साझेदारी कर यह फाउंडेशन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहा है।
🗣️ छह भाषाओं में संवाद
याल्दा अंग्रेज़ी, फारसी (दरी), हिंदी, उर्दू, पश्तो और फ्रेंच भाषाओं में संवाद कर सकती हैं। उनकी भाषाई कुशलता उन्हें वैश्विक पत्रकारिता में और प्रभावशाली बनाती है।
याल्दा हाकिम सिर्फ एक पत्रकार नहीं हैं, वे युद्ध, अन्याय और शोषण के खिलाफ एक सशक्त आवाज़ हैं। उनका जीवन दर्शाता है कि विपरीत परिस्थितियों से निकलकर भी कोई महिला वैश्विक पत्रकारिता की अग्रणी बन सकती है। आज याल्दा उन हज़ारों लड़कियों की प्रेरणा हैं, जो शिक्षा, स्वतंत्रता और सच्चाई की तलाश में हैं।