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? AI की सुनामी से मचेगी तबाही! 2033 तक आधी दुनिया हो सकती है बेरोज़गार | 10,000 से अधिक पत्रकार भी बेरोज़गार हुए!

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 4089

प्रतिवाद डिजिटल डेस्क |

22 अप्रैल 2025। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का शब्द नहीं, बल्कि एक ऐसी क्रांति बन चुका है जो दुनिया की आधी से ज्यादा नौकरियों को निगल रहा है

ग्लोबल कंसल्टिंग कंपनी McKinsey, World Economic Forum (WEF) और Goldman Sachs जैसी शीर्ष संस्थाओं की रिपोर्ट्स बताती हैं कि 2030 से 2035 के बीच 40% से 50% नौकरियां या तो खत्म हो जाएंगी या पूरी तरह से बदल जाएंगी।

? कौन-कौन सी नौकरियां हैं सबसे ज्यादा खतरे में?

⚠️ रिपीट होने वाले कार्य:
AI सबसे पहले उन नौकरियों को खत्म कर रहा है जिनमें दोहराव (repetitiveness) है:
कंटेंट राइटिंग और ब्लॉगिंग: ChatGPT, Gemini और अन्य जनरेटिव AI टूल्स से लेख, स्क्रिप्ट, विज्ञापन अब मिनटों में बन रहे हैं।
कस्टमर सर्विस और कॉल सेंटर: AI चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट्स 24x7 बेहतर सेवा दे रहे हैं।
डिजाइन और फोटो एडिटिंग: Canva AI, Adobe Firefly जैसे टूल्स से ग्राफिक डिजाइनर की जरूरत कम होती जा रही है।
डाटा एंट्री और अकाउंटिंग: ऑटोमेशन से हजारों की संख्या में कर्मचारी अप्रासंगिक हो रहे हैं।
कोडिंग और डेवलपमेंट: GitHub Copilot और CodeWhisperer जैसे AI अब डेवलपर्स की जगह कोड लिख सकते हैं।

? ताज़ा उदाहरण जो खतरे को और गहराते हैं:
Zomato ने अप्रैल 2025 में 600 कर्मचारियों को निकाला, जिनका काम अब AI कर रहा है।
IKEA, IBM, और Amazon जैसी कंपनियां अपनी भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव कर रही हैं — अब इंसानों की बजाय AI को प्राथमिकता दी जा रही है।
इटली में एक फैशन ब्रांड ने हाल ही में अपना पूरा फोटोशूट AI Generated Models से करवाया, जिससे रियल मॉडल्स का काम खत्म हो गया।

? खतरे की घंटी क्यों बज रही है?
AI सिर्फ एक टूल नहीं, अब एक “वर्कर” है।
ये न थकता है, न छुट्टी मांगता है, न ही सैलरी चाहता है।
जो काम इंसान 8 घंटे में करते हैं, AI उन्हें कुछ मिनटों में कर देता है, वो भी बिना गलती के।

? AI से मीडिया इंडस्ट्री में भूचाल! पत्रकारों की नौकरियों पर भी गहराया संकट
AI का असर केवल टेक और IT सेक्टर तक सीमित नहीं रहा — इसका सबसे विनाशकारी असर अब उस इंडस्ट्री पर हो रहा है जो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कही जाती है — मीडिया और पत्रकारिता। जिस इंडस्ट्री में कभी सटीक भाषा, संपादन कौशल, और फील्ड रिपोर्टिंग का महत्व सर्वोपरि था, वहां आज AI टूल्स ने मानवीय प्रतिभा को सीधी टक्कर देना शुरू कर दिया है।

जहां कभी खबर लिखने, संपादन, और स्क्रिप्टिंग जैसे कार्यों में प्रशिक्षित पत्रकारों की जरूरत होती थी, आज वो काम AI टूल्स जैसे ChatGPT, Gemini और Jasper AI कुछ सेकंडों में कर रहे हैं। वहीं दशकों के अनुभव रखने वालें पत्रकार अभी भी यह तर्क देतें नजर आ रहें हैं और सच्चाई का नजर अंदज कर कह रहे हैं कि कुछ नहीं होगा डरने की जरूरत नहीं है जब कंपयूटर आया था तो यही लगा था।

? कौन-कौन से काम AI से प्रभावित हो रहे हैं?
ब्रेकिंग न्यूज़ अलर्ट तैयार करना
हेडलाइन जेनरेशन और SEO फ्रेंडली टाइटल बनाना
स्क्रिप्ट राइटिंग और रिपोर्ट्स तैयार करना
वीडियो न्यूज़ के लिए वॉयस-ओवर और विज़ुअल जेनरेशन
सोशल मीडिया पोस्ट, थंबनेल्स और ग्राफिक्स का ऑटो-जेनरेशन

? मीडिया हाउस में हो रहे बड़े बदलाव:
❌ 2024–25 में दुनिया भर में 10,000 से अधिक पत्रकार बेरोज़गार हुए!
BuzzFeed News ने 2023 में पूरी न्यूज़ डिवीजन को बंद कर दिया, AI से कंटेंट बनाने पर फोकस किया।
CNN, Washington Post, NBC जैसे नामी मीडिया हाउसों ने 2024 में अपने पत्रकारों की संख्या में कटौती की।
India में भी कई डिजिटल पोर्टल्स और टीवी चैनल्स ने AI Content Generator Tool का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।

? एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 तक केवल भारत में ही 20% से अधिक डिजिटल जर्नलिस्ट्स की जगह AI टेक्नोलॉजी ले सकती है।

? AI से Automated News Anchors और Virtual रिपोर्टर्स का उदय
चीन, दक्षिण कोरिया और दुबई जैसे देशों में AI News Anchors पहले से ही लाइव बुलेटिन चला रहे हैं।

भारत में भी कुछ रीजनल चैनल्स ने AI Generated Anchors का परीक्षण शुरू कर दिया है।
AI से भाषा की बाधा भी खत्म हो रही है — एक ही स्क्रिप्ट को कई भाषाओं में सिंथेसाइज किया जा सकता है।

? पत्रकारिता की दुनिया में क्या बचेगा?
Investigative Journalism, ग्राउंड रिपोर्टिंग और मानवीय संवेदना वाली स्टोरीज़ अभी भी AI नहीं कर सकता।
लेकिन सामान्य रिपोर्टिंग, री-राइटिंग, और वायरल कंटेंट की दुनिया में AI ने पत्रकारों की ज़रूरत को काफी कम कर दिया है।

? AI से मीडिया इंडस्ट्री सबसे तेजी से बदलने वाला सेक्टर बन चुका है।
जो पत्रकार AI और टेक स्किल्स को साथ लेकर चलेंगे, वही टिक पाएंगे।
वरना हर मीडिया हाउस की रणनीति अब यही है — "कम मानव, ज्यादा मशीन"।

✅ किन नौकरियों का भविष्य सुरक्षित है?
कुछ स्किल्स और सेक्टर्स AI-proof माने जा रहे हैं:
क्रिएटिव और स्ट्रैटेजिक सोच वाले प्रोफेशन: जैसे स्टोरीटेलिंग, ब्रांडिंग, फिल्म डायरेक्शन
इमोशनल इंटेलिजेंस वाली नौकरियां: जैसे साइकोलॉजिस्ट, टीचर, केयरगिवर्स
AI के साथ काम करने वाले प्रोफेशनल्स: जैसे Prompt Engineers, AI Trainers, Data Scientists
टेक्निकल लेकिन निर्णयात्मक भूमिकाएं: जैसे Cybersecurity Analysts, Ethical Hackers, Forensic Auditors

? क्या करना होगा अब?
? रिट्रेनिंग और अपस्किलिंग:
हर प्रोफेशनल को अब AI टूल्स की समझ होनी चाहिए
नए जमाने की स्किल्स जैसे Prompt Engineering, Data Analytics, UI/UX Design सीखें
इनोवेशन और इंसानी टच को प्राथमिकता दें — AI इसे नहीं कॉपी कर सकता

? ग्लोबल लेवल पर क्या हो रहा है?
WEF की Future of Jobs Report 2025 के अनुसार, अगले 5 सालों में 85 मिलियन नौकरियां खत्म होंगी, लेकिन 97 मिलियन नई AI-बेस्ड नौकरियां भी पैदा होंगी।
पर ये नई नौकरियां सिर्फ उन्हीं को मिलेंगी जो नए दौर की स्किल्स में दक्ष होंगे।

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