मध्यप्रदेश: उपलब्धियों भरा एक वर्ष और भविष्य की चुनौतियां

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2407

12 दिसंबर 2024। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते एक वर्ष को प्रदेश के चहुँमुखी विकास और उल्लेखनीय उपलब्धियों का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि 'देश का हृदय प्रदेश' मध्यप्रदेश अपनी प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए विख्यात है। नर्मदा नदी की पावन छाया और महाकालेश्वर की भूमि ने अनेक बलिदानियों और महापुरुषों की कर्मभूमि के रूप में अपनी पहचान बनाई है। ​प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के "विकसित भारत" के संकल्प के तहत, मध्यप्रदेश ने "GYAN" (गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी सशक्तिकरण) के चार स्तंभों पर विशेष फोकस किया है। हालांकि, विपक्ष का दावा है कि सरकार द्वारा विकास के दावों में कई खामियां और चूकें भी रही हैं।

औद्योगिक विकास की दिशा में कदम
प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए नवाचारी प्रयास किए गए हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और रोड शो जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे 3 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। हर जिले में निवेश प्रोत्साहन केंद्र स्थापित किए गए हैं।

विपक्ष का आरोप: विपक्ष का कहना है कि निवेश के वादों का जमीनी हकीकत पर प्रभाव अभी भी स्पष्ट नहीं है। रोजगार के अवसरों का सही वितरण सुनिश्चित करना सरकार के लिए चुनौती है।

सांस्कृतिक पुनर्जागरण और विरासत का संरक्षण
श्रीराम वन गमन पथ, श्रीकृष्ण पाथेय और विक्रम संवत की पुनर्स्थापना जैसे कदम प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि को पुनर्जीवित करने के लिए उठाए गए हैं। गीता जयंती पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव और विक्रमोत्सव जैसे आयोजनों ने प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत किया है।

गरीबों के कल्याण के लिए योजनाएं
संबल 2.0 योजना के तहत 1.73 करोड़ श्रमिकों का पंजीयन किया गया है, और 40 हजार से अधिक परिवारों को 895 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना में 44 लाख से अधिक परिवारों को घर दिए गए।

विपक्ष का आरोप: कांग्रेस का कहना है कि इन योजनाओं का लाभ सीमित वर्ग तक ही पहुंचा है। कई गरीब परिवार आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।

किसानों के लिए विशेष प्रोत्साहन
कृषि क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र और रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की गई। डिजिटल क्रॉप योजना से फसलों की गणना को सही तरीके से सुनिश्चित किया जा रहा है।

विपक्ष का आरोप: विपक्ष ने किसानों की आत्महत्याओं और खराब कर्ज नीति पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि योजनाओं के बावजूद किसानों की समस्याएं बढ़ रही हैं।

रोजगार और शिक्षा के अवसर
राज्य स्तरीय रोजगार दिवस पर रिकॉर्ड 7 लाख युवाओं को 5 हजार करोड़ रुपये का स्व-रोजगार ऋण वितरित किया गया। अगले पांच वर्षों में 2.5 लाख सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है।

विपक्ष का आरोप: कांग्रेस ने रोजगार के वादों को मात्र प्रचार बताया और कहा कि बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है।

महिलाओं के सशक्तिकरण की पहल
लाड़ली बहना योजना के तहत 1.29 करोड़ बहनों को 19 हजार करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई। महिलाओं को शासकीय सेवाओं में 35% आरक्षण और रियायती गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया गया।

स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक कार्ड वितरित किए गए। एयर एंबुलेंस सेवा शुरू की गई है।

विपक्ष का आरोप: कांग्रेस ने स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार और ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया है।

पर्यावरण और पर्यटन का विकास
प्रदेश ने टाइगर स्टेट, चीता स्टेट और अब लेपर्ड स्टेट के रूप में अपनी पहचान बनाई है। भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। पर्यटन क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के तहत पचमढ़ी के अमलतास होटल का संचालन पूरी तरह महिलाओं द्वारा किया जा रहा है।

विपक्ष की राय: चूक और चुनौतियां
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। उन्होंने अपराध, भ्रष्टाचार और कर्ज के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त की।

भविष्य का रोडमैप
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने, सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने और हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने का प्रयास किया जाएगा।

विपक्ष के सुझाव: विपक्ष ने भ्रष्टाचार उन्मूलन, महिला सुरक्षा में सुधार, और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत पर जोर दिया।

मध्यप्रदेश ने कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन विपक्ष की आलोचनाओं के अनुसार, विकास के वादे और वास्तविकता के बीच अंतर अभी भी मौजूद है। बेहतर प्रशासन, पारदर्शिता और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से ही प्रदेश का समग्र विकास संभव है।

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