
9 जनवरी 2025। मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत 1 लाख 63 हजार महिलाओं का नाम लाभार्थी सूची से हटाया जा रहा है। इन महिलाओं को अब हर महीने मिलने वाली ₹1250 की किस्त बंद कर दी जाएगी और इसके बदले उन्हें केवल ₹600 महीना ही मिलेगा।
यह निर्णय उन महिलाओं पर लागू होगा, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन महिलाओं को योजना के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।
सरकार का तर्क: वृद्धावस्था पेंशन का लाभ
लाड़ली बहना योजना की शुरुआत 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले की गई थी। इस योजना के तहत पहली किस्त 10 जून 2023 को लाभार्थियों के खाते में डाली गई थी।
योजना की पात्रता शर्तों के अनुसार, लाभार्थी महिलाओं का जन्म 1 जनवरी 1963 से पहले और 1 जनवरी 2000 के बाद नहीं होना चाहिए। सरकार ने तर्क दिया है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को पहले से ही वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत ₹600 प्रति माह दिए जा रहे हैं। ऐसे में इन महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ देना उचित नहीं है।
विधानसभा में सरकार ने स्पष्ट किया रुख
हाल ही में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार ने स्पष्ट किया कि लाड़ली बहना योजना के तहत 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को शामिल करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने यह भी कहा कि योजना में नए नाम जोड़ने या पात्रता आयु सीमा बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।
लाड़ली बहनों की संख्या में लगातार कमी
योजना की शुरुआत के समय 1 करोड़ 31 लाख 35 हजार 985 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 2 लाख 18 हजार आवेदन विभिन्न कारणों से अस्वीकृत कर दिए गए। इसके बाद लाभार्थियों की संख्या घटकर 1 करोड़ 29 लाख 5 हजार 457 हो गई।
अब 1 लाख 63 हजार और नाम हटने के बाद यह संख्या करीब 1 करोड़ 26 लाख पर आ जाएगी। यानी योजना शुरू होने के बाद से अब तक कुल 3 लाख लाभार्थियों के नाम सूची से हटाए जा चुके हैं।
सरकार का रुख और जनता की प्रतिक्रिया
इस निर्णय पर कई महिलाएं और सामाजिक संगठनों ने नाराजगी जताई है। वहीं, सरकार का कहना है कि यह कदम योजना की पात्रता शर्तों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
लाड़ली बहना योजना को लेकर जारी यह बदलाव आने वाले समय में कितनी बहनों को प्रभावित करेगा, यह देखने वाली बात होगी।