
23 जनवरी 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश में पहली बार सफल हार्ट ट्रांसप्लांट की ऐतिहासिक उपलब्धि को लेकर खुशी जताई और चिकित्सकीय टीम को बधाई दी। इस प्रक्रिया में जबलपुर, भोपाल और इंदौर में ग्रीन कॉरिडोर का उपयोग किया गया, जो प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने इस सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर और एम्स भोपाल के चिकित्सकों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। उन्होंने इस प्रक्रिया में शामिल डॉक्टरों, स्टाफ और पुलिस प्रशासन को भी बधाई दी। श्री शुक्ल ने मरीज के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की है।
उप मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया में ग्रीन कॉरिडोर और पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा के प्रभावी इस्तेमाल की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं ने नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। तीन ग्रीन कॉरिडोर (जबलपुर, भोपाल और इंदौर) के जरिए अंगों को समय पर पहुंचाना संभव हो सका।
अंगदान के प्रति संवेदनशील निर्णय की सराहना
श्री शुक्ल ने सागर जिले के ग्राम मानक्याई निवासी श्री बलिराम कुशवाहा के परिवार द्वारा अंगदान के निर्णय को सराहनीय बताया। उनका यह कदम न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की।
घटनाक्रम का विवरण
जबलपुर में ब्रेन डेड मरीज की सूचना मिलते ही राज्य सरकार ने तत्परता से कार्रवाई की। एम्स भोपाल के डॉक्टरों की टीम रातोंरात जबलपुर पहुंची और अंग रिट्रीवल प्रक्रिया पूरी की। ग्रीन कॉरिडोर और एयर एम्बुलेंस के माध्यम से मरीज का हृदय भोपाल लाया गया, जहां सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया। लीवर को हेलीकॉप्टर और वायुयान से इंदौर स्थित चोइथराम अस्पताल भेजा गया, जहां लीवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया जारी है।
यह ऐतिहासिक कदम मध्यप्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में एक नई दिशा का संकेत है और प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में एक नए युग की उम्मीद दिलाता है।