
24 जनवरी 2025। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पवित्र नगरी महेश्वर में आयोजित कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन नगरों में शराब की दुकानें हमेशा के लिए बंद कर दी जाएंगी और उन्हें अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया जाएगा।
यह निर्णय हमेशा के लिए शराबबंदी के लिए लिया गया है। इन 17 धार्मिक नगरों में एक नगर निगम, 6 नगर पालिका, 6 नगर परिषद और 6 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन नगर निगम क्षेत्र की सीमा में पूरी तरह से शराब की दुकानें बंद रहेंगी। इसके अलावा, दतिया नगर पालिका क्षेत्र, पन्ना नगर पालिका क्षेत्र, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, महैर नगर पालिका, ओंकारेश्वर नगर परिषद, महेश्वर नगर परिषद, मंडलेश्वर नगर परिषद, ओरछा नगर परिषद, चित्रकूट नगर परिषद, और अमरकंटक नगर परिषद में भी शराबबंदी लागू रहेगी। ये सभी स्थल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं। इसके बाद, ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सलकनपुर, बरमान, लिंगा, बरमानर्खुद, कुंडलपुर और बांदकपुर में भी शराब बंदी लागू की जाएगी। साथ ही, मां नर्मदा के दोनों तटों के पांच किलोमीटर क्षेत्र में शराबबंदी की नीति को भी जारी रखा जाएगा।
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल को सशक्त बनाने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
महेश्वर में देवी अहिल्याबाई को समर्पित कैबिनेट बैठक
महेश्वर में आयोजित यह कैबिनेट बैठक देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती वर्ष को समर्पित थी। बैठक से पहले मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों ने मां अहिल्या की राजगादी के दर्शन किए और पुष्प अर्पित किए। इसके बाद सभी ने नर्मदा घाट पर मां नर्मदा की आरती की और चुनरी अर्पित की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा महेश्वर में आयोजित कैबिनेट बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी #महेश्वर_में_एमपी_कैबिनेट#Maheshwar https://t.co/mrsTzEHJfV
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 24, 2025
महेश्वर-जानापाव उद्वहन सिंचाई योजना का शिलान्यास
कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मंडलेश्वर में ₹982 करोड़ 59 लाख की महेश्वर-जानापाव उद्वहन सिंचाई योजना का शिलान्यास किया। इस परियोजना से तीन जिलों में पानी पहुंचाने की योजना है।
महेश्वरी साड़ियों के बुनकरों से संवाद
मुख्यमंत्री ने महेश्वरी साड़ी निर्माण में जुटी महिला बुनकरों से संवाद किया। यह साड़ियां महेश्वर की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं। बैठक के बाद मंडलेश्वर में एक आमसभा का आयोजन भी किया गया।

महेश्वर का ऐतिहासिक महत्व
महेश्वर देवी अहिल्याबाई होलकर की कर्मभूमि है। उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौंडी गांव में हुआ था। अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में कई मंदिर, घाट, कुएं, और बावड़ियों का निर्माण कराया। साथ ही, उन्होंने बुनकरों को प्रोत्साहित कर महेश्वरी साड़ियों की परंपरा को सशक्त बनाया।
अहिल्याबाई ने अपने जीवनकाल में सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए अनेक कार्य किए। उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए महेश्वर को विशेष धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सांस्कृतिक और धार्मिक संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह निर्णय धार्मिक नगरों के मूल्यों को संरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। महेश्वर में आयोजित इस कैबिनेट बैठक ने मध्य प्रदेश को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से और भी सशक्त बनाने की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा है।