×

मध्य प्रदेश में यूपीएससी परीक्षा के लिए ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट का आदेश

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1004

18 फरवरी 2025। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी करते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को निर्देश दिया है कि वह सिविल सेवा परीक्षा-2025 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट प्रदान करे।

मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने यूपीएससी को यह भी निर्देश दिया है कि बिना अनुमति इन अभ्यर्थियों के परिणाम घोषित न किए जाएं। मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।

याचिकाकर्ता सतना निवासी आदित्य नारायण पांडेय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मनीष सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने तर्क दिया कि अन्य आरक्षित श्रेणियों, जैसे अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट मिलती है, इसलिए ईडब्ल्यूएस श्रेणी को भी यह लाभ मिलना चाहिए। साथ ही, पूर्व में मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा-2024 में संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के आधार पर ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट का प्रावधान किया गया था।

सरकारी विभागों में सीपीसीटी अनिवार्यता समाप्त करने की मांग
मध्य प्रदेश में तृतीय श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के लिए कंप्यूटर प्रवीणता प्रमाणन परीक्षा (सीपीसीटी) को अनिवार्य किए जाने के कारण कई कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्हें कंप्यूटर का सीमित ज्ञान है।

कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के लिए सीपीसीटी परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त की जाए। मध्य प्रदेश राज्य अधिकारी कर्मचारी संघ, जिला शाखा जबलपुर के संयोजक दिलीप सिंह ठाकुर ने बयान जारी कर कहा कि कई लिपिकों को कंप्यूटर कौशल में दक्षता नहीं होने के कारण सेवा से पृथक किया जा रहा है। संगठन ने यह भी मांग की है कि जिन्हें सेवा से हटाया गया है, उनकी बहाली की जाए।

इस मांग का समर्थन करने वालों में भास्कर गुप्ता, राशिद अली, विश्वनाथ सिंह, आकाश भील, आदेश विश्वकर्मा, सुरेंद्र परसते, धर्मेंद्र परिहार, नितिन तिवारी, ऋषि पाठक, दुर्गेश खातरकर, अजब सिंह, विष्णु झारिया, सुल्तान सिंह, देवराज सिंह, इमरत सेन, गंगाराम साहू, चंद्रभान साहू, भोगीराम चौकसे और सतीश खरे सहित कई अन्य कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने सरकार से शीघ्र समाधान की मांग की है।

Related News

Latest News

Global News