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? क्या हम ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं? वैज्ञानिकों को K2-18b ग्रह पर जीवन के सबसे मजबूत संकेत मिले!

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 3265

कैम्ब्रिज/नासा | Prativad.com

क्या इंसान पहली बार ब्रह्मांड में जीवन के पुख्ता संकेत के बेहद करीब पहुँच गया है?

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की एक शोध टीम ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से एक दूरस्थ ग्रह K2-18b के वायुमंडल में ऐसे अणुओं का पता लगाया है, जो पृथ्वी पर केवल सूक्ष्म जीवों द्वारा ही बनाए जाते हैं।

वैज्ञानिकों का दावा है कि ये अब तक का जीवन का सबसे मजबूत संकेत हो सकता है।

? यह खोज क्यों है ऐतिहासिक?
K2-18b, हमारे सौर मंडल से 124 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और पृथ्वी से ढाई गुना बड़ा है।

JWST ने इसके वायुमंडल में डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) और डाइमिथाइल डाइसल्फ़ाइड (DMDS) जैसी गैसों के संकेत पकड़े हैं — जो पृथ्वी पर समुद्री माइक्रोब्स और फाइटोप्लांकटन द्वारा निर्मित होती हैं।

प्रो. निक्कू मधुसूदन, जो इस शोध के प्रमुख हैं, का कहना है:
"यह संभवतः अब तक का सबसे ठोस संकेत है कि ब्रह्मांड में जीवन आम हो सकता है। अगर पुष्टि होती है, तो K2-18b पर जीवन की उपस्थिति पूरे विज्ञान जगत को हिला देगी।"

⚠️ लेकिन क्या यह पक्का सबूत है?
फिलहाल नहीं। वैज्ञानिकों ने स्वीकार किया है कि:
ये निष्कर्ष अभी तीन सिग्मा (99.7%) स्तर पर हैं, जबकि जीवन के दावे के लिए पाँच सिग्मा (99.9999%) का स्तर जरूरी होता है।
शोध टीम का कहना है कि एक या दो साल में वे इस दावे को पूरी तरह से पुष्टि करने के करीब पहुँच सकते हैं।

? वैकल्पिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण
कुछ खगोलविदों का मानना है कि ये गैसें जैविक नहीं, बल्कि ग्रह के भूगर्भीय या रासायनिक प्रक्रियाओं से भी उत्पन्न हो सकती हैं।
वहीं, अन्य वैज्ञानिक K2-18b को एक महासागर से ढका हुआ ग्रह मानते हैं, जबकि कुछ इसे एक छोटा गैस दानव भी बता रहे हैं जिसकी कोई सतह नहीं है।
कार्डिफ़ विश्वविद्यालय के डॉ. सुबीर सरकार ने कहा:

"हम अभी तक यह निश्चित नहीं कह सकते कि ये संकेत जीवन के हैं या किसी और प्राकृतिक प्रक्रिया के।"

? क्या आगे होने वाला है?
कैम्ब्रिज की टीम अब अन्य समूहों के साथ मिलकर यह परीक्षण कर रही है कि क्या DMS और DMDS गैसें गैर-जीवित तरीकों से बनाई जा सकती हैं।

शोध को The Astrophysical Journal Letters में प्रकाशित किया गया है, और इसकी वैज्ञानिक समीक्षा जारी है।

? क्या यह जीवन की खोज का ऐतिहासिक क्षण हो सकता है?
संभवतः।
प्रो. मधुसूदन कहते हैं:
"शायद आने वाले दशकों में हम इस क्षण को याद करेंगे जब पहली बार हमें यह अहसास हुआ कि हम इस विशाल ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं। यह एक नया युग हो सकता है—जीवित ब्रह्मांड का युग।"

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हम अकेले नहीं हैं।

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