
4 जून 2025 | टेक न्यूज़ | प्रतीवाद डिजिटल डेस्क
फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स ने ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए न्यूक्लियर पावर खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए मेटा ने अमेरिका की प्रमुख ऊर्जा कंपनी कॉन्स्टेलेशन एनर्जी के साथ 20 वर्षों का दीर्घकालिक समझौता किया है। हालांकि इस डील की वित्तीय जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
यह कदम मेटा द्वारा अपने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने और डेटा सेंटरों की बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए उठाया गया है। मेटा के अनुसार, एआई सेवाओं की तेजी से बढ़ती मांग के कारण कंपनी की बिजली खपत में भारी वृद्धि हुई है।
कॉन्स्टेलेशन एनर्जी अमेरिका की सबसे बड़ी कार्बन-फ्री (शून्य उत्सर्जन वाली) ऊर्जा उत्पादक कंपनी है, जो इस समझौते के तहत मेटा को न्यूक्लियर ऊर्जा प्रदान करेगी। यह डील मेटा के टिकाऊ और स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य को भी आगे बढ़ाएगी।
मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा,
"हमारे एआई सिस्टम को अत्यधिक कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है, जिससे ऊर्जा की खपत बहुत बढ़ जाती है। कॉन्स्टेलेशन के साथ यह साझेदारी सुनिश्चित करती है कि हम अपनी जरूरतों को जिम्मेदारी के साथ पूरा करें।"
टेक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के दीर्घकालिक ऊर्जा समझौते अब बड़ी टेक कंपनियों के लिए आवश्यक होते जा रहे हैं, खासकर तब जब एआई जैसी तकनीकें भारी ऊर्जा संसाधन मांग रही हैं। मेटा पहले भी स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश कर चुका है, लेकिन यह न्यूक्लियर डील अपनी अवधि और स्केल के कारण खास मानी जा रही है।
जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजिटल दुनिया को बदल रहा है, टेक और ऊर्जा क्षेत्र के बीच ऐसे रणनीतिक समझौते आम होते जा रहे हैं — जो नवाचार और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।