
22 अप्रैल 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें जरूरी संशोधनों को मंजूरी दी गई है।
अब इस योजना के तहत शामिल होने वाली कन्याओं और उनके अभिभावकों का गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करना और बीपीएल पोर्टल पर सत्यापित होना आवश्यक होगा। साथ ही, प्रदेशभर में सामूहिक विवाह और निकाह सम्मेलनों का आयोजन संभागवार वार्षिक कैलेंडर के आधार पर किया जाएगा।
सामूहिक विवाह सम्मेलन के नए प्रावधान:
हर आयोजन में कम से कम 11 और अधिकतम 200 जोड़ों की सीमा तय की गई है।
आवेदन की स्क्रूटनी नगरीय निकाय स्तर पर होगी।
वर-वधू दोनों की आधार आधारित ई-केवाईसी और समग्र पोर्टल सत्यापन अनिवार्य रहेगा।
समारोह में जन-प्रतिनिधियों और सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे समाज के सक्षम वर्ग का सहयोग भी सुनिश्चित हो सके।
आर्थिक सहायता का नया ढांचा:
योजना के अंतर्गत प्रत्येक कन्या को मिलने वाली ₹55,000 की सहायता राशि में से:
₹49,000 सीधे वधू के बैंक खाते में DBT के ज़रिये भेजे जाएंगे।
₹6,000 आयोजक निकाय को समारोह की व्यवस्था के लिए दिए जाएंगे।
टाइगर रिजर्व के बफर ज़ोन के विकास को लेकर बड़ा फैसला:
मंत्रि-परिषद ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए टाइगर रिजर्व बफर क्षेत्रों के विकास हेतु ₹145 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है। यह राशि वर्ष 2025-26 से 2027-28 तक की नई योजना के तहत खर्च की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत:
संवेदनशील क्षेत्रों में चैनलिंक फेसिंग का निर्माण किया जाएगा।
वन्यजीव सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, चारागाह और जल स्त्रोतों का विकास किया जाएगा।
वन्य प्राणियों के स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
स्थानीय नागरिकों को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले 4 वर्षों में मध्यप्रदेश के 9 टाइगर रिजर्व से सटे बफर क्षेत्रों में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो चुकी है।