
19 जून 2025। अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, टेक्सास से रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज़ ने इज़राइल द्वारा हाल ही में ईरान पर किए गए सैन्य हमलों को "हमारे हमले" बताया है। क्रूज़ ने इस बात को खुले तौर पर स्वीकार किया कि ये हमले अमेरिका के समर्थन से हो रहे हैं, भले ही वाशिंगटन आधिकारिक तौर पर इससे इनकार करता रहा है। उन्होंने यह बयान एक टीवी इंटरव्यू में रूढ़िवादी टिप्पणीकार टकर कार्लसन से बातचीत के दौरान दिया।
क्रूज़ ने कहा: "हम बम गिरा रहे हैं… इज़राइल हमारे लिए लड़ रहा है"
सीनेटर क्रूज़ ने कहा, "हम उन पर बमबारी कर रहे हैं – इज़राइल कर रहा है। यह छोटा सा देश हमारे लिए हमारे दुश्मनों से लड़ रहा है और उनकी सैन्य ताकत और परमाणु क्षमता को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। इससे अमेरिका ज्यादा सुरक्षित हो जाता है।"
यह बयान ऐसे समय आया है जब इज़राइल ने बीते शुक्रवार को ईरान के कई सैन्य और वैज्ञानिक ठिकानों पर हमले किए, जिसमें परमाणु कार्यक्रम से जुड़े स्थल, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक निशाना बने। इज़राइल ने इसे "पूर्व-निवारक कार्रवाई" करार दिया और दावा किया कि इसका उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना है।
अमेरिका की भागीदारी पर बवाल
जहां अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और व्हाइट हाउस के प्रवक्ता इन हमलों में अमेरिका की प्रत्यक्ष भागीदारी से इनकार कर रहे हैं, वहीं क्रूज़ के बयान ने अमेरिका की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कार्लसन ने जब उनसे पूछा कि क्या ये हमले अमेरिका के नहीं बल्कि इज़राइल के हैं, तो क्रूज़ ने कहा, "ठीक है, हमारी मदद से। मैंने 'हम' इसलिए कहा क्योंकि अमेरिका इसका समर्थन कर रहा है।"
शासन परिवर्तन की खुली वकालत
क्रूज़ ने साक्षात्कार में यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ईरान की सरकार "जनता के विद्रोह" से गिरेगी, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे ईरान पर अमेरिकी सैन्य कब्जे का समर्थन नहीं करेंगे।
उन्होंने टकर कार्लसन पर आरोप लगाया कि वे ईरान द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं – यह दावा हाल ही में इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज पर किया था।
ईरान का अमेरिका पर गंभीर आरोप
तेहरान ने इन हमलों में अमेरिका की संलिप्तता को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है और सीधे तौर पर वाशिंगटन पर इज़राइल की मदद करने का आरोप लगाया है। ईरान का कहना है कि उसके परमाणु कार्यक्रम का कोई सैन्य उद्देश्य नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी इस दावे का समर्थन नहीं किया है कि ईरान सक्रिय रूप से परमाणु हथियार बना रहा है।