
29 जून 2025। मध्यप्रदेश में आईएएस अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन के दृष्टिकोण के टकराव में अटके हुए हैं। दोनों के बीच करीब दस दिन पहले इस विषय पर गंभीर चर्चा हो चुकी है, लेकिन तबादलों की अंतिम सूची अब तक सामने नहीं आई है।
मुख्यमंत्री यादव ऐसे अधिकारियों को महत्त्वपूर्ण पदों पर लाना चाहते हैं जो तेज़, परिणाममुखी और जनकल्याण पर केंद्रित हों। सरकार का कार्यकाल डेढ़ वर्ष पार कर चुका है, और अब शुरू की गई योजनाओं के ठोस नतीजे ज़मीन पर दिखाने का दबाव बढ़ रहा है। इसी कारण सीएम, प्रशासनिक मशीनरी को अधिक सक्रिय और जवाबदेह बनाना चाहते हैं।
वहीं, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पदभार संभालते ही एक नया मूल्यांकन मॉडल लागू किया है—360 डिग्री फीडबैक फॉर्मूला। इस प्रक्रिया के तहत किसी भी अधिकारी की पोस्टिंग से पहले उनके समकक्षों, अधीनस्थों और वरिष्ठों से व्यापक प्रतिक्रिया ली जाती है। इसके साथ ही, अन्य बाहरी स्त्रोतों से भी अफसर के व्यवहार, कार्यशैली और दक्षता की जानकारी एकत्रित की जाती है।
यहीं से टकराव की स्थिति बनी है। जिन अधिकारियों को सीएम महत्वपूर्ण विभागों में भेजना चाहते हैं, वे जैन के मूल्यांकन मॉडल में अनुकूल नहीं आ पा रहे हैं। इस वजह से कई नामों पर निर्णय लंबित है।
सूत्रों की मानें तो कुछ अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अफसरों के विभागों में बदलाव की चर्चा ज़ोरों पर है, लेकिन अभी कोई आधिकारिक सूची जारी नहीं हुई है। इसी तरह ज़िलों में कलेक्टरों की पोस्टिंग को लेकर भी असमंजस बना हुआ है। कई नामों पर विचार हो रहा है, लेकिन अंतिम चयन पर सहमति नहीं बन पा रही है।
कुछ विभागों में अधिकारियों को इधर से उधर करने पर सहमति बनी है, पर सबसे बड़ी चुनौती यह है कि खाली होने वाले पदों पर योग्य और उपयुक्त विकल्प कौन होगा। यही कारण है कि प्रदेश में आईएएस तबादले फिलहाल "निर्णय की प्रतीक्षा" की स्थिति में हैं।