
29 जून 2025। भारतीय जनता पार्टी के मध्यप्रदेश प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अंतिम निर्णय अब जुलाई के पहले सप्ताह में कभी भी लिया जा सकता है। संगठन स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं, और संभावना है कि 1 जुलाई से चुनाव प्रक्रिया शुरू होकर 3 जुलाई तक नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जो प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव अधिकारी हैं, 1 या 2 जुलाई को भोपाल पहुंच सकते हैं। उनके आगमन के साथ ही चुनाव प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं। पहलगाम हमले के बाद स्थगित हुई संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया अब दो दिन पहले पुनः शुरू हो चुकी है। कुछ राज्यों में चुनाव तिथियों की घोषणा भी की जा चुकी है, जबकि महाराष्ट्र सहित तीन राज्यों में चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है।
संगठनात्मक संतुलन के लिए नेतृत्व में बदलाव संभव
फिलहाल प्रदेश भाजपा नेतृत्व में सामान्य वर्ग से अध्यक्ष, ओबीसी से मुख्यमंत्री और अनुसूचित जाति वर्ग से उपमुख्यमंत्री हैं। ऐसे में नए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी आदिवासी या महिला नेता को दिए जाने की चर्चा जोरों पर है, ताकि सामाजिक और राजनीतिक संतुलन बना रहे। हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ही लेगा।
345 सदस्य करेंगे नए अध्यक्ष का चयन
भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए पहले ही जिला अध्यक्षों समेत 345 प्रदेश परिषद सदस्यों का गठन कर लिया है। हर दो विधानसभा क्षेत्रों के आधार पर एक क्लस्टर बनाया गया है, जिनमें से प्रतिनिधि चुने गए हैं। आरक्षित वर्गों (SC-ST), महिलाओं और ओबीसी को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा में अब तक अधिकांश बार अध्यक्ष का चयन सर्वसम्मति से हुआ है। केवल दो अवसरों पर ही मतदान की नौबत आई थी—1990 के दशक में लखीराम अग्रवाल और कैलाश जोशी के बीच तथा वर्ष 2000 में शिवराज सिंह चौहान और विक्रम वर्मा के बीच, जिसमें वर्मा विजयी रहे थे।
कई नाम रेस में, जातीय और क्षेत्रीय समीकरण अहम
प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में वर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रमुख दावेदार बने हुए हैं। इनके अलावा डॉ. नरोत्तम मिश्रा, डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला, विधायक हेमंत खंडेलवाल, पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया और सांसद सुधीर गुप्ता के नामों पर भी चर्चा है।
यदि महिला अध्यक्ष की नियुक्ति होती है तो पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, सांसद कविता पाटीदार और लता वानखेड़े का नाम आगे हो सकता है। अनुसूचित जाति वर्ग से अध्यक्ष बनाए जाने की स्थिति में लाल सिंह आर्य और प्रदीप लारिया के नाम सामने हैं।
वहीं, आदिवासी समाज से भाजपा के जनाधार को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके, सांसद गजेन्द्र पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, सुमेर सिंह सोलंकी और सावित्री ठाकुर जैसे नामों पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।