
30 जून 2025। जल जीवन मिशन से संबंधित शिकायत की जांच में सामने आया है कि शिकायतकर्ता किशोर समरीते द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण मंशा से प्रेरित हैं। यह निष्कर्ष लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता (बालाघाट) द्वारा प्रस्तुत तथ्यात्मक रिपोर्ट में सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार, शिकायत में न तो कोई साक्ष्य प्रस्तुत किया गया था और न ही कोई ठोस जानकारी। शिकायत का आधार केवल सूचना के अधिकार के तहत विभागीय पत्राचार को तोड़-मरोड़ कर किया गया उल्लेख था, जिसे पहले ही संबंधित कार्यपालन यंत्री द्वारा स्पष्ट किया जा चुका है।
🔍 शिकायत में कोई नयापन नहीं
प्रमुख अभियंता ने बताया कि विभाग के बालाघाट खंड के कार्यपालन यंत्री द्वारा स्वयं शिकायतकर्ता को पूर्व में सूचित कर दिया गया था कि जल जीवन मिशन अंतर्गत कोई अनियमितता नहीं हुई है। इसके बावजूद उन्हीं जानकारियों को एक नवीन शिकायत के रूप में प्रस्तुत करना भ्रामक और असत्य प्रयास है।
💧 योजनाओं की प्रक्रिया पारदर्शी
रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि जल जीवन मिशन की सभी योजनाएं स्थानीय स्तर पर निष्पादित की जाती हैं और भुगतान भी माप पुस्तिका के सत्यापन के बाद ही होता है। ऐसे में प्रमुख अभियंता कार्यालय या उसके कर्मचारियों पर सीधे आरोप लगाना तथ्यहीन और भ्रामक है।
🙅♀️ मंत्री पर लगाए आरोप भी बेबुनियाद
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके पर लगाए गए आरोपों को भी पूरी तरह असंगत और तथ्यविहीन बताया गया है। विभाग के अनुसार, मुख्य अभियंता (मैकेनिकल संकाय) द्वारा कोई निविदा जारी नहीं की जाती, अतः उनके या मंत्री पर किसी प्रकार के वित्तीय अनियमितता के आरोप अर्थहीन हैं।
📈 जल जीवन मिशन की उपलब्धियाँ
प्रमुख अभियंता ने पत्र में उल्लेख किया कि अब तक मध्यप्रदेश के 70% से अधिक परिवारों को नल से जल की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है और शेष योजनाएं प्रगति पर हैं। भारत सरकार को भेजे जाने वाले उपयोगिता प्रमाण पत्र भी पूरी पारदर्शिता से तय प्रक्रिया के अनुसार तैयार किए जाते हैं।