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भारत ने Jane Street पर लगाया बैन, 4.3 अरब डॉलर के डेरिवेटिव लाभ के बाद उठाया कदम

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 250

4 जुलाई 2025। भारत सरकार ने अमेरिकी हेज फंड कंपनी Jane Street को स्थानीय बाजारों तक पहुँचने से प्रतिबंधित कर दिया है। यह कार्रवाई उस समय की गई जब Jane Street ने भारतीय डेरिवेटिव बाजार से 4.3 अरब डॉलर का भारी मुनाफा कमाया।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने यह कदम रिटेल निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उठाया है, जो हाल के समय में डेरिवेटिव बाजार में अत्यधिक असमानता और "सिस्टमेटिक ट्रेडिंग पैटर्न" को लेकर चिंतित थे।

📉 भारत का डेरिवेटिव बाजार दुनिया में सबसे बड़ा
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का डेरिवेटिव-टू-कैश रेशियो 400x से भी अधिक है, जो अमेरिका, जर्मनी और अन्य विकसित देशों से कहीं ज्यादा है। ऐसे में Jane Street जैसे वैश्विक प्लेयर्स की उपस्थिति और मुनाफा स्थानीय बाजार स्थिरता के लिए जोखिम माना जा रहा है।

SEBI ने माना है कि बाजार में गलत प्रथाओं और भारी सट्टेबाज़ी की प्रवृत्तियों को रोकना अब अनिवार्य हो गया है। यह प्रतिबंध इस दिशा में उठाया गया एक निर्णायक कदम है।

ट्रंप का ‘Big Beautiful Bill’ और वैश्विक संकट
उधर, अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा समर्थित "Big Beautiful Bill" पारित हो चुका है। ट्रंप ने इसे अमेरिका की आर्थिक, सैन्य और वैश्विक शक्ति का आधार बताया।

लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस बिल से:

वैश्विक व्यापार व्यवस्था को झटका लग सकता है

एशियाई बाजारों में गिरावट आ सकती है

अमेरिका में कर्ज और ब्याज दरें बढ़ सकती हैं

अमेरिका 9 जुलाई से तरफी दरें (tariff rates) तय करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है, जिसमें भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया और जापान जैसे देश सीधे प्रभावित होंगे।

🔎 थाईलैंड भी संकट में, 36% टैरिफ की धमकी
थाईलैंड जैसे देशों पर 36% टैरिफ की धमकी के चलते निवेशक घबरा गए हैं। थाई शेयर बाजार पहले ही 2025 में 20% गिरावट देख चुका है, और $3 बिलियन से ज्यादा विदेशी निवेश वापस खींचा जा चुका है।

थाईलैंड के स्टॉक एक्सचेंज प्रमुख ने माना कि निवेशकों को बाजार में पारदर्शिता और स्थायित्व की ज़रूरत है, और वे माइक्रो-मैक्रो दोनों स्तर पर सुधार की योजना बना रहे हैं।

💹 निवेशकों के लिए अलर्ट: बदल रही वैश्विक वित्तीय संरचना
Goldman Sachs के वरिष्ठ अर्थशास्त्री केविन डेली ने कहा कि:

दुनिया भर में आर्थिक वृद्धि धीमी हो रही है

अमेरिका में बढ़ती टैरिफ से महंगाई बढ़ेगी, लेकिन अन्य देशों में इसका डिसइन्फ्लेशनरी प्रभाव हो सकता है

एशियाई और उभरते बाजारों में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं

🔮 भविष्य के संकेत: SEBI की अगली कार्रवाई पर नजर
SEBI की यह कार्रवाई केवल Jane Street तक सीमित नहीं रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि:

BSE और NSE की डेरिवेटिव आय की वैल्यूएशन पर प्रभाव पड़ेगा

संभावित IPOs, खासकर NSE का बाजार मूल्य घट सकता है

अन्य विदेशी फर्मों की जांच या निगरानी भी तेज हो सकती है

🔚 भारत का यह कदम न केवल एक बड़ी वित्तीय चेतावनी है, बल्कि यह संदेश भी है कि स्थानीय निवेशकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। वैश्विक व्यापार और वित्तीय जगत इस समय सामूहिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है — और भारत इसमें अपनी भूमिका मजबूती से निभा रहा है।

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