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इंडियनऑयल और एयर इंडिया के बीच सतत विमानन ईंधन (SAF) आपूर्ति हेतु समझौता

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 138

इंडियनऑयल हाल ही में अपने पानीपत रिफाइनरी में SAF उत्पादन के लिए ISCC CORSIA प्रमाणन प्राप्त करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी।
IATA के नेट ज़ीरो 2050 लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एयर इंडिया परिचालन दक्षता, कम-कार्बन उत्सर्जन और अब SAF को सक्रिय रूप से अपना रही है।

20 अगस्त 2025। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और एयर इंडिया ने आज सतत विमानन ईंधन (Sustainable Aviation Fuel - SAF) की आपूर्ति हेतु एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारतीय विमानन को हरित भविष्य की ओर अग्रसर करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों संस्थान कम-कार्बन ईंधन को अपनाने, वैश्विक डिकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को समर्थन देने और सतत हवाई परिवहन संचालन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह समझौता इंडियनऑयल के कार्यकारी निदेशक (एविएशन) श्री शैलेश धर और एयर इंडिया के समूह प्रमुख – गवर्नेंस, रेगुलेटरी, कॉम्प्लायंस (GRC) एवं कॉर्पोरेट अफेयर्स, श्री पी. बालाजी द्वारा किया गया। इस अवसर पर इंडियनऑयल के अध्यक्ष श्री ए. एस. साहनी तथा एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री कैंपबेल विल्सन उपस्थित रहे।

इंडियनऑयल ने भारत की पहली कंपनी के रूप में अपने पानीपत रिफाइनरी में SAF उत्पादन के लिए ISCC CORSIA प्रमाणन प्राप्त किया है। यह प्रमाणन ICAO की कार्बन ऑफसेटिंग और रिडक्शन स्कीम (CORSIA) के अंतर्गत प्रदान किया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप SAF उत्पादन क्षमता को प्रमाणित करता है।

इंडियनऑयल के अध्यक्ष श्री ए. एस. साहनी ने कहा: “एयर इंडिया के साथ यह समझौता भारत में सतत विमानन की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। हमारी ISCC-CORSIA प्रमाणित SAF क्षमता से हम एयर ट्रैवल के डिकार्बोनाइजेशन के लिए एक व्यवहारिक समाधान उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं। भारत की प्रमुख एयरलाइन के साथ साझेदारी करके हम राष्ट्रीय विकास को वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के साथ संरेखित कर रहे हैं और उद्योग के लिए एक नया मानक स्थापित कर रहे हैं।”

एयर इंडिया के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक श्री कैंपबेल विल्सन ने कहा:
“इंडियनऑयल के साथ इस MoU के माध्यम से एयर इंडिया, भारत सरकार की सतत विकास संबंधी पहलों को आगे बढ़ाने और IATA के नेट ज़ीरो 2050 लक्ष्य को हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रही है।”

इस सहयोग से दोनों कंपनियाँ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में CORSIA लक्ष्यों को प्राप्त करने और उनसे आगे बढ़ने के लिए SAF आपूर्ति पर कार्य करेंगी। साथ ही, यह साझेदारी भारत को सतत विमानन और ऊर्जा संक्रमण के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी।

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