×

ब्रह्मांड के अंत का नया अनुमान: 33 अरब वर्षों में हो सकता है विनाश, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 226

27 जुलाई 2025। नवीनतम खगोलीय अध्ययनों के अनुसार, हमारा ब्रह्मांड अनुमान से कहीं पहले नष्ट हो सकता है — सिर्फ 33 अरब वर्षों में। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस विनाश की प्रक्रिया महज 10 अरब वर्षों में शुरू हो सकती है, जबकि वर्तमान में ब्रह्मांड की आयु करीब 13.8 अरब वर्ष है।

इस आशंका के पीछे कारण है डार्क एनर्जी यानी वह रहस्यमयी शक्ति, जो ब्रह्मांड के विस्तार को गति दे रही है। हाल ही में हुए दो महत्वपूर्ण सर्वेक्षण — डार्क एनर्जी सर्वे (DES) और डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट (DESI) — से संकेत मिला है कि डार्क एनर्जी स्थिर नहीं है, बल्कि समय के साथ बदल रही है।

यदि यह निष्कर्ष सही साबित होता है, तो ब्रह्मांडीय स्थिरांक (Cosmological Constant) — जो डार्क एनर्जी को समझाने के लिए अब तक सबसे सरल मॉडल माना जाता था — को पूरी तरह से खारिज किया जा सकता है।

एक नया प्रस्तावित सिद्धांत, जो जून में प्रकाशित हुआ है (हालांकि अभी सहकर्मी-समीक्षित नहीं हुआ), बताता है कि डार्क एनर्जी वास्तव में दो घटकों से बनी हो सकती है:

एक्सियन (Axion) – एक काल्पनिक, अल्ट्रालाइट कण जो ब्रह्मांड के विस्तार को गति देता है।

ऋणात्मक ब्रह्मांडीय स्थिरांक – जो इस विस्तार को धीरे-धीरे रोकने और उलटने की दिशा में काम करता है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि जैसे-जैसे एक्सियन कमजोर होता जाएगा, ब्रह्मांड की वर्तमान विस्तार की गति घटेगी और अंततः एक नकारात्मक बल प्रभावी हो जाएगा, जिससे ब्रह्मांड सिकुड़ना शुरू कर देगा — इसे ही "बिग क्रंच" कहा जा रहा है।

इस बिग क्रंच में आकाशगंगाएँ विलीन हो जाएंगी, तापमान और घनत्व तेजी से बढ़ेगा, और अंततः ब्रह्मांड एक अत्यंत सघन बिंदु — यानी एक नई सिंगुलैरिटी — में समाप्त हो जाएगा।

हालांकि यह सिद्धांत फिलहाल परिकल्पना मात्र है और कई अन्य संभावनाएं भी मौजूद हैं, लेकिन यदि यह सत्य निकला, तो इसका मतलब होगा कि ब्रह्मांड अब अपनी आधी उम्र से ज़्यादा यात्रा कर चुका है और अब धीरे-धीरे अपने अंतिम अध्याय की ओर बढ़ रहा है।

भविष्य अनिश्चित है — लेकिन यह स्पष्ट है कि ब्रह्मांड के रहस्य अब और अधिक रोमांचक होते जा रहे हैं।

Related News

Latest News

Global News