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छत्तीसगढ़ में 17 सितंबर से चलेगा “आदि कर्मयोगी अभियान”

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Place: रायपुर                                                👤By: prativad                                                                Views: 151

सीएम विष्णु देव साय ने की घोषणा, जनजातीय अंचलों में सेवा और सुशासन पर रहेगा फोकस

18 अगस्त 2025। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक “आदि कर्मयोगी अभियान” संचालित किया जाएगा। इस विशेष अभियान का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में सेवा, समर्पण और सुशासन की भावना के साथ सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री साय ने जानकारी दी कि अभियान के दौरान जनजातीय परिवारों को आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने इसे राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।

पूरे प्रदेश में होगा व्यापक आयोजन
इस अभियान में राज्य के 28 जिलों, 128 विकासखंडों और 6,650 आदिवासी बहुल ग्रामों को शामिल किया गया है। ग्राम स्तर पर 1,33,000 से अधिक कैडर तैयार किए जाएंगे, जिनमें एनजीओ, स्वयंसेवी संगठन, पंचायत प्रतिनिधि और युवा शामिल रहेंगे। ये कैडर न केवल योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करेंगे, बल्कि ग्राम विकास योजनाओं के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाएँगे।

चरणबद्ध प्रशिक्षण और ‘आदि सेवा केंद्र’
अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर चरणबद्ध तरीके से आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक चयनित ग्राम में “आदि सेवा केंद्र” की स्थापना की जाएगी, जो सरकारी सेवाओं की प्रदायगी और जनभागीदारी का मुख्य केंद्र होगा।
इन सेवा केंद्रों के माध्यम से “सेवा पर्व” और “आदि कर्मयोगी सेवा अभियान” का संचालन किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

“ट्राइबल विलेज विजन 2030” का खाका

आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विकास विभाग के दिशा-निर्देशों के तहत जिलों में एनजीओ, सीएसओ और स्थानीय वालंटियर्स का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक ग्राम का “ट्राइबल विलेज विजन 2030” तैयार किया जाएगा।
अभियान के दौरान शिकायत निवारण शिविर, जनजागरूकता कार्यक्रम और विशेष रूप से “आदिवासी सेवा दिवस” का आयोजन भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह अभियान न केवल आदिवासी समाज को सशक्त बनाने का कार्य करेगा, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए जनजातीय अंचलों के सतत विकास की मजबूत नींव भी डालेगा।

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