भोपाल: बाद में विधानसभा गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
7 फरवरी 2024। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को हंगामेदार तरीके से शुरू हुआ क्योंकि विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान वॉकआउट कर दिया। राज्यपाल मंगूभाई पटेल सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुए अपना भाषण दे रहे थे, तभी कांग्रेस ने गेहूं और धान खरीद से संबंधित मुद्दों को उठाते हुए वॉकआउट कर दिया।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार 2700 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं और 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने पर चर्चा नहीं कर रही है।
कांग्रेस के वॉकआउट के बाद राज्यपाल भी अपना भाषण बीच में ही खत्म कर विधानसभा से चले गये।
बाद में विपक्ष के नेता उमंग सिंगार ने फ्री प्रेस से कहा कि सरकार किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा, "उन्हें 2700 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीद पर बोलने में कोई दिलचस्पी नहीं है। धान खरीदी की भी यही गाथा थी। इसलिए किसान परेशान स्थिति में हैं।"
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि विपक्ष ने जनता के मुद्दों को लेकर बहिष्कार किया। भाजपा राज में बेरोजगार युवाओं को लाठियां खानी पड़ रही हैं। सरकार राज्यपाल से अभिभाषण में असत्य बातें बोलवा रही है।
"अब सरकार लाडली बहना की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह करने की बात नहीं कर रही है। विपक्ष चाहता है कि भाजपा सरकार घोषणा पत्र में किये गये वादों को पूरा करे।"
इससे पहले अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने राज्य में राम वन गमन पथ का सर्वांगीण विकास करने का काम शुरू कर दिया है। वहीं शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सरकार ने भारत संग्रहालय स्थापित करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने संकल्प पत्र (घोषणापत्र) पर काम करना शुरू कर दिया है।
एमपी बजट सत्र: राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस ने किया वॉकआउट, कहा- 'गेहूं, धान खरीद पर चर्चा से बच रही सरकार'
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
Views: 949
Related News
Latest News
- क्या नींबू पानी किडनी के लिए अच्छा है?
- हिंदू विवाह एक 'संस्कार' और एक संस्कार; 'गीत और नृत्य', 'वाइनिंग और डाइनिंग' या वाणिज्यिक लेनदेन के लिए कोई कार्यक्रम नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- सड़क किनारे के ठंडे जूस और पेय 'कूल' नहीं, डायरिया, पीलिया, पेचिश के मामले बढ़ रहे
- सरकार डॉक्टरों के लिए एक समान फीस कैसे तय कर सकती है? क्या होगा अगर सरकार वकीलों के लिए एक समान फीस तय कर दे? : सुप्रीम कोर्ट
- डेटिंग ऐप्स पर प्यार बना धोखेबाजों का अड्डा