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त्रिस्तरीय पंचायतों को सरकार ने दिये कर वसूलने के निर्देश

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 719

Bhopal: धार्मिक स्थलों पर लगी दुकानों एवं मोबाईल टावरों से भी वसूला जायेगा अब टैक्स,
नोटिस भी जारी करने के लिये कहा
3 मार्च 2020। राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं से कर वसूलने के निर्देश जारी किये हैं। यही नहीं उन्हें यह भी बताया गया है कि वे किन-किन क्षेत्रों में कर वसूल सकते हैं। यही नहीं, पंचायतों को टैक्स वसूलने के नोटिस भी जारी करने के लिये कहा गया है।
इसलिये देने पड़े निर्देश :
दरअसल वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में प्रदेश स्थित सभी जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों में क्रमश: 7 करोड़ 40 लाख रुपये एवं 14 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है जो अत्यधिक कम है। कई जिला/जनपद/ग्राम पंचायतों में इन वर्षों में किसी प्रकार के राजस्व की प्राप्ति भी नहीं हुई है। इसे राज्य सरकार ने खेदजनक माना है।
इन क्षेत्रों से वसूलने के लिये कहा टैक्स :
राज्य सरकार ने कहा है कि पंचायतों में टैक्स वसूलने का व्यक्तिगत उत्तरदायित्व जिला एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों का व्यक्तिगत उत्तरदायित्व होगा। जो लोग कर नहीं दे रहे हैं उन्हें नोटिस जारी करने के लिये भी निर्देशित किया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि सामान्यत: पंचायतों में स्थित भवनों एवं मकानों में से सिर्फ 20 से 25 भवनों एवं मकानों से भवन कर वसूला जा रहा है। जहां वसूला भी गया है वहां निर्धारित दर नहीं ली गई है। इसलिये भवन कर शतप्रतिशत वसूलने के लिये कहा गया है। इसी प्रकार, मनरेगा योजना के तहत निर्मित तालाबों, कुओं एवं अन्य जल संरचनाओं को मछली पालन हेतु ठेके पर स्थानीय बेरोजगार युवकों को दिया जाये और बदले में निर्धारित शुल्क वसूल किया जाये। पंचायतों में मकानों के नक्शे पास होने आते हैं लेकिन अधिकांश पंचायतों द्वारा नक्शे पास होने पर भवन मालिक से निर्धारित राशि वसूल नहीं की जाती है जिससे राजस्व आय का नुकसान होता है।
राज्य सरकार ने पंचायतों से कहा है कि वह जीओ फाईबर पाईप लाईन का जाल बिछाने वालों से निर्धारित कर की वसूली करे। बड़े शहरों से सटे ग्रामीण इलाकों में होने वाले कालोनी विकास हेतु पंचायतों द्वारा निर्धारित कालोनाईजर शुल्क वसूल नहीं किया जाता है। इसी प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले बड़े-बड़े मेलों में (पशु मेलों सहित) पंचायतों द्वारा शुल्क वसूला जाना चाहिये। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले धार्मिक स्थलों से लगी दुकानों से भी पंचायतों द्वारा शुल्क वसूला जाना चाहिये। पंचायतों के अधीन आने वाले क्षेत्र में लगने वाले मोबाईल टावरों तथा पवन चक्कियों से भी टैक्स संबंधित कंपनियों से वसूला जाना चाहिये। प्रदेश स्थित प्रमुख राष्ट्रीय/राज्य मार्गों पर ग्रामीण अंचल में पंचायतों के अधीन आने वाले क्षेत्र में आटो मोबाईल/ट्रेक्टर के शोरुम से पंचायतें टैक्स वसूल करें।



- डॉ. नवीन जोशी

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