Bhopal: रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा कर 75 लाख युवाओं की उम्मीदें तोड़ दी
31 मार्च 2018। भले ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रि शिवराज सिंह चौहान ने रिटायरमेंट की उम्र 60 से 62 साल कर, चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक खेला हो। लेकिन शिवराज के इस मास्टर स्ट्रोक पर बोल्ड हुए हैं प्रदेश के वो बेरोजगार जो बरसो से सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए हुए थे।गौरतलब है प्रदेश में इस वक्त 75 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं।
सीएम के बयान ने भले ही प्रदेश के सवा चार लाख सरकारी कर्मचारियों के चेहरे पर रौनक ला दी हो लेकिन इसी बयान ने प्रदेश के उन 75 लाख युवाओं को मायूस भी कर दिया है जो व्यापम जैसे घोटाले के बावजूद उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें सरकारी नौकरी मिल सकती है।लेकिन शिवराज की इस घोषणा से सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र दो साल ओर बढ़ गई है जिसका मतलब अब प्रदेश के बेरोजगारों को दो साल ओर सरकारी नौकरी का इंतजार करना पड़ेगा।
..दरअसल सरकार का रिटायरमेंट की उम्र बढ़ने का मकसाद था चुनावी साल में उन सरकारी कर्मचारियों का समर्थन वापस पाना जो लंबे समय से सरकार के खिलाफ किसी न किसी आंदोलन में लगे हुए थे या जिन्हें सरकार की कर्मचारियों के प्रति नीतियों से विरोध था। शिवराज जानते थे कि 2003 मैं दिग्विजाई सिंह सरकार के जाने की एक खास वजह सरकारी कर्मचारियों का दिग्विजय के खिलाफ जाना था।ऐसे में शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सवा चार लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़कर अपना वोट बैंक मजबूत किया है।लेकिन इस वोट वेंक की चिंता में बेरोजगारों का नुकसान कहीं न कहीं हो गया है । यही वजह है कि कांग्रेस सरकार के इस निर्णय का राजनीति से प्रेरित मान रही है।
भाजपा की शिवराज सरकार ने भले ही इस मास्टर स्ट्रोक के सहारे सवा लाख सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के वोटों में सेंध लगाई हो लेकिन शिवराज की इसी घोषणा ने उन बेरोजगारों को सदमा भी दे दिया जो कभी चपरासी की नौकरी के लिए एमबीए होने के बाद भी लाइन में लगे रहे जिन्हें कोर्ट के क्लर्क की नौकरी पीएचडी के बाद भी नही मिली जिनका हक सारी योग्यताओं के बावजूद व्यापम जैसे घोटाले ने मार लिया।
? डॉ. नवीन जोशी
शिवराज के मास्टर स्ट्रोक पर हुए क्लीन बोल्ड बेरोजगार युवा
Location:
Bhopal
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