Bhopal: सवर्ण मंत्रियों ने मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया तो आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे मंत्री ने इसे समाज में भेदभाव फैलाने वाला फैसला बताया.
7 जनवरी 2019। नरेन्द्र मोदी कैबिनेट ने सरकारी नौकरी में सवर्णो को 10 फीसदी आरक्षण का फैसला लिया तो ज़ाहिर तौर पर मध्य प्रदेश में भी हलचल मचने लगी. प्रदेश सरकार के मंत्री एक राय नहीं हैं. सवर्ण मंत्रियों ने मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया तो आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे मंत्री ने इसे समाज में भेदभाव फैलाने वाला फैसला बताया.
मध्य प्रदेश के विधि-विधायी और जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा सवर्ण वर्ग के हैं. वो ब्राह्रण हैं. मोदी कैबिनेट ने जैसे ही सरकारी नौकरियों में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का एलान किया, शर्मा ने फैसले का स्वागत कर दिया. उन्होंने कहा मोदी सरकार का ये फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन कमलनाथ कैबिनेट के दूसरे मंत्री ओंकार सिंह मरकाम की इसके बिलकुल विपरीत प्रतिक्रिया आयी. उन्होंने कहा आरक्षण देने के नाम पर समाज और जातियों बांटने की कोशिश हो रही है. ओंकार सिंह मरकाम आदिम जाति कल्याण मंत्री हैं और वो खुद इसी समाज से आते हैं. उन्होंने मोदी सरकार की नीयत पर सवाल उठाए.
तेंदुखेड़ा से कांग्रेस विधायक संजय ने कहा लोकसभा चुनाव करीब है इसलिए बीजेपी अब आरक्षण की बात कर रही है. पार्टी 3 राज्यों में हार चुकी है, इसलिए अब ये चुनावी जुमला लेकर आयी है. संजय शर्मा पहले बीजेपी में थे. चुनाव से एन पहले वो पाला बदलकर कांग्रेस में आए हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा दांव खेला है. आर्थिक रूप से पिछड़ी ऊंची जाति को रिझाने के लिए सरकार ने सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण देने की घोषणा की है. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है. इस आरक्षण का फायदा ऐसे लोगों को मिलेगा जिनकी कमाई सालाना 8 लाख से कम है.
सवर्णों को आरक्षण : कमलनाथ कैबिनेट के सवर्ण मंत्री ने किया स्वागत, आदिवासी मंत्री ने की निंदा
Location:
Bhopal
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