भोपाल 18 अक्टूबर 2021। राज्य के सहकारिता आयुक्त नरेश पाल ने अपने सभी संयुक्त पंजीयकों एवं उप व सहायक पंजीयकों को मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के तहत विभागीय न्यायालयीन प्रकरीण सुसंगत नियमों के तहत न निपटाने पर हिदायत जारी की है।
आयुक्त ने कहा है कि एक माह में कितने विभागीय न्यायालयीन प्रकरण निपटाये जायें, इसके लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने भी कहा है कि प्रशासनिक/अर्ध न्यायिक मामलों में स्पीकिंग आर्डर जारी किये जायें। लेकिन संज्ञान में आया है कि न्यायालयीन प्रकरणों की सुनवाई करते समय तथा आदेश पारित समय कतिपय पीठासीन अधिकारियों द्वारा सुसंगत नियमों काा ध्यान नहीं रखा जाता है, निर्धारित न्यायालयीन प्रक्रिया का पालन न किये जाने के फलस्वरुप ऐसे पारित त्रुटिपूर्ण आदेश के विरुध्द पक्षकारों को वरिष्ठ न्यायालय से स्थगन आदेश मिलने तथा प्रकरण में उनके पक्ष में आदेश पारित होने की संभावना बनी रहती है। परिणामस्वरुप वास्तविक पक्षकार न्याय से वंचित हो जाता है। इसलिये यह सुनिश्चित करें कि माह में पारित कितने आदेशों के विरुध्द अपील में स्थगन प्राप्त हुये और कितने निर्णयों को अपास्त किया गया है।
आयुक्त ने अपनी हिदायत में यह भी कहा है कि प्रत्येक न्यायालयीन निर्णय को आवश्यक रुप से अपलोड करने के भी निर्देश दिये गये थे, परन्तु कतिपय अधिकारियों द्वारा निर्णय विभागीय पोर्टल पर अपलोड नहीं कराये जा रहे हैं। आयुक्त ने इन हिदायतों का पालन न करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।
सहकारिता विभाग के अधिकारियों को नियमों के तहत न्यायालयीन प्रकरण नहीं निपटाने पर मिली हिदायत
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Bhopal 👤By: DD Views: 1421
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