
14 जुलाई 2025। मध्य प्रदेश सरकार राज्य के 7.5 लाख नियमित कर्मचारियों और 4.5 लाख पेंशनर्स को ध्यान में रखते हुए आठवें वेतनमान के आधार पर बजट अनुमान तैयार करवा रही है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में आठवें वेतन आयोग का गठन कर इसके अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, वेतन और पेंशन में औसतन 15 प्रतिशत तक वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
राज्य सरकार ने आगामी वर्षों के वित्तीय प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए एक विशेष समिति का गठन किया है, जो नए वेतनमान को लागू करने की दिशा में बजट का खाका तैयार कर रही है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में कर्मचारियों और पेंशनर्स को सातवें वेतनमान के आधार पर भुगतान किया जा रहा है, जिसमें कुल बजट का लगभग 33 प्रतिशत हिस्सा खर्च होता है।
दिसंबर 2025 में खत्म हो रही सातवें वेतनमान की अवधि
सातवें वेतनमान की निर्धारित अवधि दिसंबर 2025 में समाप्त हो रही है। संभावना है कि इससे पहले आठवां वेतन आयोग केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा, जिसे स्वीकार करने के बाद राज्यों द्वारा लागू किया जाएगा। सामान्य प्रक्रिया के अनुसार, राज्य सरकारें केंद्र द्वारा निर्धारित वेतन वृद्धि के फार्मूले को अपनाती हैं, हालांकि भत्तों में अक्सर संशोधन किया जाता है।
वेतन में 7 से 18 हजार तक की बढ़ोतरी हो चुकी है पहले
गौरतलब है कि सातवें वेतनमान में 2.75 के गुणांक से मूल वेतन में वृद्धि की गई थी, जिससे कर्मचारियों के वेतन में प्रति माह 7,000 से 18,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई थी। आठवें वेतनमान में महंगाई और आर्थिक दबाव को ध्यान में रखते हुए यह गुणांक बढ़ाकर 3 से 3.25 तक रखा जा सकता है।
यदि यह प्रस्तावित वृद्धि लागू होती है, तो राज्य सरकार का स्थापना व्यय कुल बजट का 37 से 40 प्रतिशत तक पहुँच सकता है। इस संबंध में वित्त विभाग ने सभी विभागों से स्थापना व्यय का प्रस्ताव तीन प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि को आधार मानकर तैयार करने के निर्देश दिए हैं।