
कोई ठोस सबूत नहीं, केवल मीडिया रिपोर्टों के आधार पर याचिका दायर करने पर कोर्ट ने जताई नाराज़गी
12 जुलाई 2025। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बहुचर्चित हनी ट्रैप कांड में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी है। यह याचिका 2023 में अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह द्वारा दायर की गई थी।
गुरुवार को न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस और विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। अदालत ने स्पष्ट किया कि केवल मीडिया रिपोर्टों या टेलीविजन क्लिप्स के आधार पर सीबीआई जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता।
क्या था याचिका का दावा?
याचिकाकर्ता भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया था कि कमलनाथ ने सार्वजनिक मंच से दावा किया था कि उन्होंने हनी ट्रैप कांड से संबंधित कुछ वीडियो देखे हैं और उनके पास भाजपा नेताओं के आपत्तिजनक क्लिप वाली एक पेन ड्राइव भी है। आरोप यह भी था कि कमलनाथ ने वह ड्राइव एसआईटी को नहीं सौंपी, जो मामले की जांच कर रही थी। याचिका में पुलिस, एसआईटी और पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह को भी प्रतिवादी बनाया गया था।
अदालत ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से सबूत मांगे, तो उन्होंने कुछ मीडिया रिपोर्टों और टीवी प्रसारणों का हवाला दिया। हालांकि, कोर्ट के समक्ष ऐसा कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य, जैसे रिकॉर्डिंग या सीडी, प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे कमलनाथ के उक्त दावों की पुष्टि होती।
कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि मीडिया रिपोर्टों के आधार पर गंभीर आरोप लगाना और जांच की मांग करना कानूनन उचित नहीं है। इस आधार पर अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया।
हनी ट्रैप कांड: पृष्ठभूमि
यह मामला 17 सितंबर 2019 को उजागर हुआ, जब इंदौर नगर निगम के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें अश्लील वीडियो के ज़रिए 3 करोड़ रुपये की मांग कर ब्लैकमेल किया जा रहा है।
जांच के बाद पुलिस ने छह महिलाओं समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें आरती, मोनिका, दोनों श्वेता, बरखा, और ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी शामिल थे। बाद में इन्हें ज़मानत मिल गई। अन्य आरोपियों में अभिषेक ठाकुर और रूपा के नाम सामने आए।
एफआईआर के अनुसार, भोपाल निवासी आरती ने हरभजन सिंह को एक 18 वर्षीय छात्रा मोनिका से मिलवाया और इंदौर के एक होटल में उनका वीडियो बना लिया। इसके बाद आरोपियों ने आठ महीने तक उन्हें ब्लैकमेल किया। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उन्होंने तीन बार पैसे दिए, और आखिरकार पुलिस ने आरोपियों को रंगे हाथों 50 लाख रुपये की वसूली के प्रयास में गिरफ्तार किया।