
09 मार्च 2023। शिवराज सरकार ने विमान खरीदने के लिए टेंडर निकाला है। इस सौदे की दिलचस्प बात यह है कि विमान की डिलीवरी चुनाव बाद होगी। इसके पीछे की वजह यह मिथक है कि जिस सरकार ने नया उड़नखटोला खरीदा, वह सत्ता से बाहर हो गई। नए विमान या हेलिकॉप्टर में दूसरे मुख्यमंत्री ने ही यात्रा की है।
सत्ता में बैठे लोग भी अंधविश्वास और मिथक में भरोसा करते हैं। इसकी बानगी मध्यप्रदेश में दिखी है, जहां सरकार ने पिछले 6 महीने से चल रही विमान खरीद प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। सरकार यह विमान अमेरिकी कंपनी टेक्सट्रॉन से खरीदने जा रही थी। अब इसके स्थान पर नया विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसे पूरा होने में कम से कम एक साल लगेगा यानी नई सरकार के सत्ता में आने के बाद ही उड़नखटोला आएगा। इस सारी कवायद के पीछे वह मिथक जिम्मेदार है, जिसमें माना जाता है कि जिस सरकार ने भी नया विमान या हेलिकॉप्टर खरीदा, उसे सत्ता से बाहर जाना पड़ा।
विमान में इतनी खूबियां: नया विमान न्यू मिड और सुपर मिड साइज डबल इंजन जेट होगा। शिवराज सरकार की कोशिश ऐसा विमान खरीदने की है, जिसका फ्लोर फ्लैट हो और केबिन की ऊंचाई कम से कम 6 फीट हो। इसमें कम से कम 8 से 10 लोग बैठ सकें। खासतौर से यह छोटी हवाई पट्टियों से भी उड़ान भरने में सक्षम हो। विशेषकर 5 हजार फीट के रनवे से भी यह टेक ऑफ और लैंड ऑन कर सके। एक बार में इसकी कम से कम 2 हजार किलोमीटर की फ्लाइंग क्षमता हो। डीजीसीए की गाइडलाइन के मुताबिक विमान दूसरी आधुनिक तकनीकों से भी लैस होना चाहिए। सरकार की कोशिश 150 करोड़ रुपए तक में ही सौदा तय करने की है। विमान खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। सरकार की इच्छा है कि एक साल में विमान खरीदी की प्रकिया पूरी हो जानी चाहिए।
पुराना फैसला बदला: इससे पहले राज्य सरकार ने विमान खरीदने के लिए 6 महीने पूर्व टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। बताया जाता है कि इसको लेकर बहुत ज्यादा कंपनियों ने रूचि नहीं दिखाई थी। सिर्फ अमेरिका की टेक्सट्रॉन कंपनी ही विमान सप्लाई के लिए आगे आई थी। सौदा खत्म होने तक इसकी कीमत 200 करोड़
पहुंचने की संभावना थी। टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ एक कंपनी के शामिल होने और अन्य कारणों से इस टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया।