18 सितंबर 2023। राज्य सरकार ने नगरीय प्रशासन विभाग के अंतर्गत संचालित अमृत योजना के लिये नया बदलाव किया है जिसके तहत अब 50 करोड़ रुपये से अधिक राशि वाले टेण्डर में प्राईज एडजस्टमेंट यानि मूल्य समायोजन हो सकेगा। पहले इसका प्रावधान नहीं था। प्राईज एडजस्टमेंट दरअसल सामग्रियों की दरों में हुई मूल्यवृध्दि से निपटने के लिये किया जाता है।
नये प्रावधान के अनुसार, अब प्राईज एडजस्टमेंट के कारण आने वाले वित्तीय भार का वहन संबंधित नगरीय निकाय को करना होगा तथा केंद्र एवं राज्य सरकार अपने निर्धारित अंशदान में बदलाव नहीं करेगी। प्राईज एडजस्टमेंट के लिये राज्य स्तरीय तकनीकी समिति का परीक्षण अनिवार्य होगा।
यह भी हुआ बदलाव :
राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की अनुशंसा के अनुक्रम में वाटर बॉडी रिजुविनेशन कार्यों में यदि किसी गंदे पानी को किसी तकनीक के उपयोग से शुध्दिकरण किया जाना है तो ऐसे कार्यों को छोडक़र शेष कार्यों में तथा हरित क्षेत्रों के विकास के कार्य में 2 करोड़ रुपये तक के कार्यों के लिये प्रि क्वालिफिकेशन की अनिवार्यता को अब समाप्त कर दिया गया है। इसी प्रकार, अब जलप्रदाय योजनाओं में लमसम आधारित मानक निविदा में डीआई पाईप बनाने वाले निर्माता के पास वेलिड बीआईएस लायसेंस एवं निर्माण व सप्लाय का अनुभव एवं आईएस 8329:2000 मानक होना चाहिये। नये प्रावधान आगे जारी होने वाली निविदाओं में लागू होंगे तथा पूर्व में आमंत्रित निविाओं में इसके लिये संशोधन किया जायेगा।
50 करोड़ रुपये से अधिक टेण्डर वाली अमृत योजना में अब प्राईज एडजस्टमेंट हो सकेगा
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 801
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