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श्योपुर से इतिहास रच गया: DRDO ने किया भारत की पहली स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप का सफल परीक्षण, 17 किमी की ऊंचाई तक पहुंची उड़ान

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Place: श्योपुर                                                👤By: prativad                                                                Views: 73

5 मई 2025। भारत ने एक और तकनीकी ऊंचाई छू ली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शनिवार शाम मध्यप्रदेश के श्योपुर में देश की पहली स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस अद्वितीय प्रयोग से भारत उन गिने-चुने देशों की सूची में शामिल हो गया है जो अपनी स्वदेशी स्ट्रेटोस्फेरिक निगरानी प्रणाली विकसित करने में सक्षम हैं।

1 घंटे 2 मिनट की सफल उड़ान, 17 किमी की ऊंचाई तक पहुंचा एयरशिप
यह अत्याधुनिक एयरशिप उत्तरप्रदेश के आगरा स्थित एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट द्वारा डिजाइन किया गया है। परीक्षण के दौरान इसे एक उपकरणीय पेलोड के साथ समताप मंडल (Stratosphere) में लगभग 17 किलोमीटर की ऊंचाई तक भेजा गया। DRDO के अनुसार, एयरशिप ने 1 घंटे 2 मिनट तक उड़ान भरी और उसके बाद पेलोड को सफलतापूर्वक पुनः रिकवर कर लिया गया।

क्या है स्ट्रेटोस्फेयर और क्यों है यह खास?
स्ट्रेटोस्फेयर पृथ्वी के वायुमंडल की एक महत्वपूर्ण परत है, जो 16 से 40 किमी की ऊंचाई पर स्थित होती है। यह परत ओजोन से भरपूर होती है और सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकती है। इसी परत में स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप को तैनात किया जाता है, जहां यह बहुत लंबे समय तक निगरानी और खुफिया कार्यों को अंजाम दे सकता है।

भारत को मिली नई सामरिक शक्ति
DRDO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर इस उपलब्धि को साझा करते हुए कहा, "भारत में पहली बार स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप ने लगभग 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर सफल परीक्षण उड़ान पूरी की। यह प्रणाली देश की पृथ्वी अवलोकन, खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं को नया बल प्रदान करेगी।" यह प्रणाली भविष्य में सैन्य और असैन्य दोनों क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और DRDO प्रमुख की सराहना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO को इस सफलता पर बधाई दी और कहा कि, "यह सिस्टम भारत की पृथ्वी अवलोकन और खुफिया क्षमताओं को मजबूत करेगा और देश को रणनीतिक बढ़त देगा।" वहीं DRDO चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने कहा, "यह प्रोटोटाइप परीक्षण, हवा से हल्के हाई-एल्टिट्यूड प्लेटफॉर्म सिस्टम के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।"

भविष्य की उड़ानों के लिए तैयार होगा उन्नत सिमुलेशन मॉडल
परीक्षण के दौरान एयरशिप में लगे ऑनबोर्ड सेंसर से उच्च गुणवत्ता का डेटा भी रिकॉर्ड किया गया है। अब इस डेटा का उपयोग उन्नत सिमुलेशन मॉडल तैयार करने और भविष्य की एयरशिप उड़ानों को बेहतर और स्थायी बनाने के लिए किया जाएगा।



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