
देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर आयोजित किए जा रहे हैं विविध कार्यक्रम
22 मई 2025। मध्यप्रदेश की महान शासिका देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती वर्ष पर आयोजित ‘महानाट्य – जीवन, अवदान और वैभव का गान’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सहभागिता की। यह भव्य मंचन उज्जैन स्थित कालिदास संस्कृत अकादमी के पंडित सूर्यनारायण व्यास संकुल सभागार में संपन्न हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह हमारा सौभाग्य है कि हमें देवी अहिल्याबाई जैसे आदर्श व्यक्तित्व के जीवन प्रसंगों को मंच के माध्यम से जानने का अवसर मिल रहा है। वे सुशासन, करुणा और धर्मनिष्ठा की प्रतीक थीं।”
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती और देवी अहिल्या के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने डॉ. साधना बलवटे द्वारा लिखित पुस्तक ‘अहिल्या रूपेण संस्थिता’ का विमोचन भी किया।
इस मौके पर प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, विधायक अनिल जैन कालुहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, संस्कार भारती के सह-कोषाध्यक्ष श्रीपाद जोशी, विशाल राजोरिया, जगदीश अग्रवाल और समारोह के जिला संयोजक उमेश सेंगर सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
संस्कृति संचालक एन.पी. नामदेव और कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. गोविंद गंधे ने अतिथियों का स्वागत किया। नागपुर की कलाकार टीम द्वारा, प्रियंका ठाकुर के निर्देशन में नाट्य प्रस्तुति दी गई।
मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में देवी अहिल्याबाई के जीवन से जुड़े प्रेरणादायी प्रसंगों का उल्लेख किया — जैसे शिवपूजा के समय बाजीराव की सवारी के लिए स्थान न छोड़ना, युद्ध में अर्जित धन को राजकोष में जमा करने का आदेश, और महेश्वर की बुनकरी कला को बढ़ावा देना। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने नारी नेतृत्व, धार्मिक मर्यादा और लोककल्याण का आदर्श प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अहिल्याबाई की 300वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में महेश्वर और इंदौर के राजवाड़ा में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई थी। साथ ही, आगामी 31 मई को भोपाल में नारी सशक्तिकरण पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों को शुभकामनाएं देते हुए उनकी सराहना की और मुख्यमंत्री निधि से 5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में बताया गया कि प्रदेश के पाँच प्रमुख शहरों में देवी अहिल्याबाई के जीवन पर केंद्रित नाट्य प्रस्तुतियाँ आयोजित की जा रही हैं, जिनमें उज्जैन की प्रस्तुति विशेष रूप से सराही गई।