
17 जुलाई 2025। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को सातवां वेतनमान और एरियर्स देने का निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने साफ कहा कि 31 मार्च 2000 से पहले नियुक्त सभी प्राध्यापकों को 1 जनवरी 2016 से लागू सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन व अन्य लाभ दिए जाएं।
25% एरियर 4 माह में देना होगा
कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ताओं को 25 प्रतिशत एरियर का भुगतान चार माह में किया जाए। सेवानिवृत्त प्राध्यापकों को 9 माह में तथा कार्यरत प्राध्यापकों को 12 माह के भीतर शेष एरियर्स का भुगतान करना होगा। निर्धारित समय पर भुगतान न होने की स्थिति में 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
क्या है मामला?
यह याचिका मप्र अशासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ. ज्ञानेंद्र त्रिपाठी व डॉ. शैलेश जैन ने दायर की थी। याचिका में बताया गया कि सरकार ने 2019 में शासकीय कॉलेजों को 7वां वेतनमान दिया था, पर 2024 में अनुदान प्राप्त कॉलेजों को इससे वंचित कर दिया गया।
पूर्व में भी हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय दिया था, लेकिन आदेश का पालन न होने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई। अब एकलपीठ ने स्पष्ट राहत देते हुए सरकार को आदेश के पालन का अंतिम मौका दिया है।