
21 जुलाई 2025। सावन की शिवभक्ति और राजसी आभा के संग आज निकली बाबा महाकाल की दूसरी सवारी, और इस बार नज़ारा कुछ खास रहा। श्रद्धा के साथ सियासी रंग भी चढ़ा दिखाई दिया!
बाबा महाकाल के दो दिव्य स्वरूप – एक पालकी में, दूसरा हाथी पर – पूरे शाही ठाठ-बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद बाबा की सेवा में डमरू थामे दिखे, भक्तों की भीड़ में झूमती श्रद्धा और मुख्यमंत्री की साधु वेशभूषा ने सबका ध्यान खींचा।
इस पावन अवसर पर सीएम ने बाबा महाकाल का विधिपूर्वक पूजन किया और फिर मित्रमंडली के साथ नज़र आए। सिर पर मुकुट सजाए, संदेश साफ था – "ऑपरेशन सिंदूर और लाड़ली बहना" के जरिए सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकारों का प्रदर्शन। उनके साथ मंच पर पंडित दिनेश रावल और पं. मोहित गुरु भी भक्तिभाव में लीन दिखे।
राजनीति भी हुई भक्ति में रंगी!
जब सीएम डमरू बजा रहे थे, तब उपमुख्यमंत्री डॉ. राजेंद्र शुक्ल झांज बजा रहे थे, और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय व प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल तालियां बजाते हुए बाबा की सवारी के साथ चल रहे थे।
सवारी में सिर्फ धार्मिक श्रद्धा नहीं, बल्कि नेतृत्व की भक्ति, जनसंपर्क की झलक और ‘शिवराज’ की छाप भी साफ नजर आई।
उज्जैन आज बना शिवनगरी का चमकता प्रतीक, जहां हर कदम पर भक्ति और शक्ति का संगम दिखा।